श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने लोगों ने ‘हिंसा’ छोड़ने को अनुरोध किया, मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हुई |

श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने लोगों ने ‘हिंसा’ छोड़ने को अनुरोध किया, मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हुई

श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने लोगों ने ‘हिंसा’ छोड़ने को अनुरोध किया, मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हुई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : May 10, 2022/9:54 pm IST

कोलंबो, 10 मई (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मंगलवार को लोगों से साथी नागरिकों के खिलाफ “हिंसा और बदले की कार्रवाई” बंद करने का आग्रह किया और राष्ट्र के सामने आने वाले राजनीतिक व आर्थिक संकट को दूर करने का संकल्प व्यक्त किया।

इससे पहले राष्ट्रपति के बड़ी भाई और पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को नौसेना के अड्डे पर भेज दिया गया। उनके समर्थकों पर एक के बाद हो रहे हमलों के बाद उनकी सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया। देश में हिंसा में कम से कम आठ लोगों की जान अब तक जा चुकी है।

कोलंबो और देश के अन्य हिस्सों में करीब 250 लोग हिंसा में घायल भी हुए हैं।

सबसे खराब आर्थिक संकट पर लोगों के बढ़ते गुस्से के बीच सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार के पैतृक घर को भीड़ द्वारा जलाए जाने के बाद पूरे द्वीपीय राष्ट्र में कर्फ्यू लागू है। हालांकि महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया है, लेकिन इसके बावजूद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए और वे राष्ट्रपति गोटबाया का भी इस्तीफा मांग रहे हैं।

राष्ट्रपति राजपक्षे ने हिंसा भड़कने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांत रहें और हिंसा को रोकें, चाहे उनका राजनीतिक जुड़ाव कोई भी हो। संवैधानिक जनादेश के भीतर आम सहमति के माध्यम से राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।’’

हिंसा के दौरान कई पूर्व मंत्रियों व नेताओं के घरों को आग लगा दी गई थी।

इसके कुछ घंटों बाद रक्षा मंत्रालय ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना कर्मियों को सार्वजनिक संपत्ति को लूटने या आम लोगों को चोट पहुंचाने वाले किसी भी दंगाई को गोली मारने का आदेश दिया।

देश में हिंसा के बीच चीन ने मंगलवार को कहा कि वह श्रीलंका में घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है। चीन ने द्वीपीय राष्ट्र में खासा निवेश किया है और उसने वहां काम कर रहे अपने नागरिकों को सतर्क रहने और जोखिमों से बचने के लिए कहा है।

बीजिंग ने श्रीलंका में तेजी से हो रही घटनाओं को देखते हुए, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, जिन्होंने अपने गृहनगर हंबनटोटा के बंदरगाह सहित बड़े पैमाने पर चीनी निवेश का मार्ग प्रशस्त किया था। चीन ने एक ऋण के बदले हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिये पट्टे पर ले लिये था।

देश में आर्थिक संकट के बीच सोमवार को महिंदा राजपक्षे (76) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस घटनाक्रम से कुछ घंटे पहले महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया था और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया था। हमले के बाद राजपक्षे समर्थक नेताओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क गई थी।

महिंदा ने अपनी पत्नी व परिवार के साथ आधिकारिक निवास-टेंपल ट्रीज- छोड़ दिया और श्रीलंका के पूर्वोत्तर तट पर स्थित बंदरगाह शहर ट्रिंकोमाली के नौसैनिक अड्डे पर शरण ली है।

‘टेंपल ट्रीज’ में घुसने की कोशिश कर रही भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने सोमवार की रात आंसू गैस के गोले छोड़े। मंगलवार सुबह महिंदा और उनके परिवार को आधिकारिक आवास से निकालने के दौरान भीड़ को पीछे रखने के लिये पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े तथा चेतावनी के तौर पर हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।

महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के कुछ सदस्यों के वहां पहुंचने की खबरों के बाद त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

सोमवार को, प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक घर, 14 पूर्व मंत्रियों, 18 सांसदों और राजपक्षे परिवार के प्रति वफादार नेताओं के घरों पर हमला किया।

वीडियो फुटेज में हंबनटोटा शहर के मेदामुलाना में महिंदा राजपक्षे और उनके छोटे भाई एवं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का आवास जलता दिखाई दे रहा है।

कुरुनेगला स्थित महिंदा राजपक्षे के आवास में भी प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी और भीड़ ने हंबनटोटा के मेदामुलाना में महिंदा और गोटबाया के पिता की स्मृति में निर्मित डी ए राजपक्षे मेमोरियल को भी नष्ट कर दिया।

अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक इस बीच हाल की झड़पों में घायल हुए लोगों की संख्या बढ़कर 249 हो गई है जबकि आठ लोगों की मौत हुई है।

श्रीलंकाई पुलिस ने मंगलवार को कहा कि कुल 47 वाहनों को आग लगाई गई जबकि 38 घरों में आगजनी की गई। इसके अलावा 41 वाहनों व 65 घरों में तोड़फोड़ भी की गई।

श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे परिवार के वफादारों को देश से भागने से रोकने के लिए कोलंबो में भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (बीआईए) की ओर जाने वाली सड़क पर एक जांच चौकी स्थापित की।

श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धना ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से कहा कि वे मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए जल्द से जल्द सदन का सत्र बुलाएं।

संसदीय अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति को 17 मई की निर्धारित तिथि से पहले संसद सत्र फिर से बुलाना होगा क्योंकि वर्तमान में कोई प्रधानमंत्री और सरकार नहीं है।

सरकार विरोधी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिये विपक्षी दल महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि गोटबाया राजपक्षे को सरकार बनाने के लिए संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलना है। अध्यक्ष अभयवर्धना ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद पार्टी नेताओं की एक बैठक की सूचना दी थी ताकि सत्र को फिर से बुलाने के लिये सदन के कामकाज पर चर्चा की जा सके।

विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया और उनके नेतृत्व वाली सरकार को देश में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की।

उन्होंने एक बयान में कहा, “देश की जनता राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है।”

मार्क्सवादी जेवीपी – संसद में तीसरा सबसे बड़ा समूह – ने चेतावनी दी कि हिंसा करने से राजपक्षे के लिए सैन्य हस्तक्षेप शुरू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

अटॉर्नी जनरल ने पुलिस प्रमुख से सरकार समर्थकों व सरकार विरोधियों के बीच हुई हिंसक झड़प की व्यापक जांच करने के लिये कहा है।

पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमरत्ने ने कहा कि उन्होंने राजपक्षे समर्थक गुट द्वारा सोमवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमले की जांच के लिए अपराध शाखा को आदेश दिए हैं। एक बयान में कहा गया कि हमले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के लिये व्यापक जांच की जाएगी।

इमादुवा प्रदेशीय सभा के अध्यक्ष ए वी सरथ कुमार (63) के आवास पर सोमवार को हमला किया गया था, जिसके बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।

नेगोम्बो में एक होटल पर हुए हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

इस हिंसा में पोलोन्नारुआ जिले से श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के सांसद अमरकीर्ति अतुकोराला (57) और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) की भी मौत हो गई। गोलीबारी में 27 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हुई है।

वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है।

नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers