श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों ने युद्ध में जान गंवाने वाले तमिल पीड़ितों को भी याद किया |

श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों ने युद्ध में जान गंवाने वाले तमिल पीड़ितों को भी याद किया

श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों ने युद्ध में जान गंवाने वाले तमिल पीड़ितों को भी याद किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : May 19, 2022/1:36 pm IST

कोलंबो, 19 मई (एपी) श्रीलंका के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को मसाल जलाकर देश में दशकों तक चले गृहयुद्ध के अंतिम चरण में मारे गए नृजातीय रूप से तमिल नागरिकों समेत हजारों लोगों को याद करते हुए प्रार्थना की।

अब तक के इतिहास में यह पहली बार है, जब बहुसंख्यक सिंहली लोगों ने खुले तौर पर अल्पसंख्यक समूह को याद किया।

प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और पास के समुद्र में श्रद्धा सुमन प्रवाहित किये। प्रदर्शनकारियों ने उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना की, जो 26 साल पहले के गृहयुद्ध में मारे गए थे। जान गंवाने वालों में तमिल नागरिक, तमिल विद्रोही और सरकारी सैनिक शामिल थे।

वर्ष 2009 में युद्ध समाप्त होने के बाद से सैनिकों की याद में लगभग हर साल भव्य सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह पहली बार है कि कोलंबो में सिंघलियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तमिलों को भी याद किया जा रहा है।

यहां कार्यक्रम में भाग लेने वाले एक सोशल मीडिया कार्यकर्ता सुमीरा गुनासेकरा ने कहा ‘मैं जन्म से सिंहली हूं। हमने गैर-राज्य समूहों द्वारा और राज्य द्वारा फैलाए गए आतंकवाद के परिणामस्वरूप 13 साल पहले मारे गए सिंहली, मुस्लिम और हिंदू समेत अन्य सभी लोगों की याद में आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया।’’

उन्होंने कहा कि अब भी ऐसे लोग हैं, जो उन घटनाओं के कारण दुखी हैं।

अभिनेत्री कौशल्या फर्नांडो ने कहा कि वह युद्ध के समय के पीड़ितों को याद कर रही हैं जिनके साथ राजनेताओं द्वारा गलत व्यवहार किया गया।

उन्होंने कहा, ‘इस जगह का महत्व यह है कि हम यहां विभिन्न जातीय समूहों के रूप में नहीं बल्कि श्रीलंका के नागरिक के तौर पर हैं।’

प्रदर्शनकारियों ने याद के तौर पर चावल का हलवा भी साझा किया, आपूर्ति की भारी कमी के कारण लड़ाई के अंतिम चरण में लोगों के पास यही एकमात्र भोजन था।

तमिल टाइगर विद्रोहियों ने जातीय अल्पसंख्यक तमिलों के लिए एक स्वतंत्र राज्य बनाने के लिए लड़ाई लड़ी थी।

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार इस गृहयुद्ध में 1,00,000 से अधिक लोग मारे गए थे। वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक मानी जाती है। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाई के अंतिम महीनों में कम से कम 40,000 तमिल नागरिक मारे गए। श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में तमिल टाइगर विद्रोहियों को हराया था।

एपी

फाल्गुनी संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)