श्रीलंका के सत्तारूढ़ पार्टी के असंतुष्टों ने भारत को राजनीतिक हालात की जानकारी दी |

श्रीलंका के सत्तारूढ़ पार्टी के असंतुष्टों ने भारत को राजनीतिक हालात की जानकारी दी

श्रीलंका के सत्तारूढ़ पार्टी के असंतुष्टों ने भारत को राजनीतिक हालात की जानकारी दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : April 29, 2022/4:23 pm IST

कोलंबो, 29 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका में सत्तारूढ़ एसएलपीपी गठबंधन के बागियों जिनका प्रतिनिधित्व पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के नेतृत्व वाली ‘श्रीलंका फ्रीडम पीपुल्स पार्टी’ (एसएलएफपी)कर रही है, ने भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले से मुलाकात की और उन्हें देश में मौजूदा राजनीतिक गतिरोध तथा सबसे खराब आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए अपनी एक अंतरिम सरकारी व्यवस्था की योजना के बारे में जानकारी दी।

एसएलएफपी के ये सदस्य श्रीलंका में सत्तारूढ़ ‘श्रीलंका पीपुल्स पार्टी’ (एसएलपीपी) में शामिल हैं, लेकिन इन्होंने अभी बगावती रुख इख्तियार कर रखा है।

उन्होंने बृहस्पतिवार को बागले से यहां मुलाकात की। यह मुलाकात राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की ओर से आर्थिक संकट का मुकाबला करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए बुलाई गई बैठक की पूर्व संध्या पर हुई।

श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है, जिससे वह खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है।

एसएलएफपी के महासचिव दयासिरी जयशेखर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अंतरिम सरकारी व्यवस्था के बारे में जानकारी देने के लिए हमने भारतीय उच्चायुक्त से मुलाकात की।’’ उन्होंने बागले से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘हमने उन्हें सर्वदलीय अंतरिम सरकार पर अपने विचारों से अवगत कराया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह सत्ता के बंटवारे की नहीं बल्कि देश को आर्थिक संकट से उबारने की व्यवस्था है। सांसदों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है।’’

बैठक की पुष्टि करते हुए यहां स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया कि उच्चायुक्त बागले ने सांसदों के समूह से मुलाकात की और भारत की श्रीलंका का समर्थन जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।

भारतीय उच्चायोग ने मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘सांसदों ने श्रीलंका की जनता के साथ खड़े रहने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने उच्चायुक्त से श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पर अपनी राय रखी।’’

उन्होंने कहा कि एसएलएफपी और एसएलपीपी के असंतुष्टों की संख्या 50 है, जो राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से शुक्रवार को मुलाकात करेंगे। गोटबाया ने दो दिन पहले पत्र लिखकर संभावित अंतरिम सरकार के बारे में चर्चा करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य दलों को आमंत्रित किया था।

उन्होंने कहा कि वे एक शर्त पर बैठक करने को तैयार हैं कि प्रधानमंत्री (महिंदा राजपक्षे) और मंत्रिमंडल के सदस्यों के बिना बैठक होनी चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि क्या अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रधानमंत्री इस्तीफा देंगे, दयासिरी जयशेखर ने कहा कि ऐसा होने की संभावना नहीं है।

गौरतलब है कि राजपक्षे परिवार पर इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है और हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर करीब तीन सप्ताह से स्थायी रूप से डेरा डाले हुए हैं।

प्रदर्शनकारी युवाओं ने महिंदा राजपक्षे के सरकारी आवास को भी घेर रखा है और उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)