पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की मौत की जांच को लेकर फलस्तीन और इज़राइल के बीच विवाद |

पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की मौत की जांच को लेकर फलस्तीन और इज़राइल के बीच विवाद

पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की मौत की जांच को लेकर फलस्तीन और इज़राइल के बीच विवाद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : May 16, 2022/3:06 pm IST

यरुशलम, 16 मई (एपी) अल-जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबू अकलेह के वेस्ट बैंक में मारे जाने की घटना की जांच को लेकर इज़राइल और फलस्तीन के बीच विवाद खड़ा हो गया है। कई स्वतंत्र समूहों ने भी मामले की अपनी ओर से जांच शुरू कर दी है।

जांच दल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि शुरुआती जांच में फलस्तीन के गवाहों के उन दावों की पुष्टि हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि पत्रकार की मौत इज़राइली गोलीबारी में हुई।

शिरीन की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है, इस संबंध में सभी पक्षों की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रुख स्पष्ट हो पाएगा।

उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन कस्बे में इज़राइली सेना की कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में बुधवार को शिरीन (25) की मौत हो गई। उस समय वह रिपोर्टिंग के लिए मौके पर मौजूद थीं।

फलस्तीनी-अमेरिकी पत्रकार शिरीन, अरबी भाषा के टीवी चैनल अल-जजीरा की एक जानी-मानी संवाददाता थीं। गोली लगने के तुरंत बाद उनकी मौत हो गई थी।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा था कि उन्होंने शिरीन के परिवार से बात की और संवेदना व्यक्त की है। साथ ही, उन्होंने उनके काम के प्रति सम्मान व्यक्त किया और इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी मौत के मामले की ‘‘ तत्काल और विश्वसनीय जांच की आवश्यकता है।’’

फलस्तीनी अधिकारियों और शिरीन के साथ मौजूद पत्रकारों सहित अन्य गवाहों का कहना है कि उनकी मौत सेना की गोलीबारी में हुई।

सेना ने शुरुआत में फलस्तीनी बंदूकधारियों को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन अब उसका कहना है कि वह इज़राइली गोलीबारी की जद में आ गई होंगी।

इज़राइल ने फलस्तीन को साथ मिलकर मामले की जांच करने का प्रस्ताव भी दिया है और कहा कि पत्रकार को लगी गोली की विशेषज्ञों द्वारा जांच कराई जानी चाहिए।

हालांकि, फलस्तीन अधिकारियों ने प्रस्ताव ठुकराते हुए कहा है कि उन्हें इज़राइल पर भरोसा नहीं है। वहीं, मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इज़राइल का अपने सुरक्षा बलों से जुड़े मामलों का गलत तरीके से जांच करने का इतिहास रहा है।

फलस्तीन ने रविवार रात कहा कि वह अकेले ही जांच करेगा और जल्द अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा।

फलस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने कहा, ‘‘ हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच से भी इनकार कर दिया है क्योंकि हमें अपने सुरक्षा एजेंसियों की क्षमताओं पर भरोसा है। हम कोई भी सबूत किसी को नहीं देंगे क्योंकि हमें पता है कि वे लोग तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।’’

जांच को लेकर इज़राइल और फलस्तीन के बीच विवाद के चलते कई मानवाधिकार समूहों ने भी मामले की जांच स्वयं करने का फैसला किया है।

सप्ताहांत में, शोधकर्ताओं के नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय संघ ‘बेलिंगकैट’ ने सोशल मीडिया पर मामले से जुड़े वीडियो और ऑडियो साक्ष्य का विश्लेषण प्रकाशित किया था। इसके अनुसार, इलाके में बंदूकधारी तथा इज़राइल के सैनिक, दोनों मौजूद थे। सबूतों से गवाहों के उन दावों की पुष्टि होती है कि शिरीन की मौत इज़राइली गोलीबारी में हुई थी।

एपी निहारिका सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)