कीव में लोगों की मदद के लिए रुकीं दो भारतीय नन, भोजन समेत आवश्यक वस्तुओं की कमी |

कीव में लोगों की मदद के लिए रुकीं दो भारतीय नन, भोजन समेत आवश्यक वस्तुओं की कमी

कीव में लोगों की मदद के लिए रुकीं दो भारतीय नन, भोजन समेत आवश्यक वस्तुओं की कमी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : March 23, 2022/12:24 pm IST

(हैनरी एल खोजोल)

आइजोल, 23 मार्च (भाषा) यूक्रेन में भीषण युद्ध के मद्देनजर जहां एक ओर बड़ी संख्या में लोग अन्य सुरक्षित स्थानों में शरण ले रहे हैं, वहीं राजधानी कीव में ही रुककर दो भारतीय नन लोगों की मदद कर रही हैं।

मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी एवं मिजोरम निवासी दो नन ने यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया है और उन्होंने युद्धग्रस्त देश की राजधानी कीव में ही रहकर बेघर लोगों की मदद करने का फैसला किया है। हालांकि, उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समय बीतने के साथ उनके समक्ष भोजन समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं का संकट हो रहा है।

आइजोल से लगभग 15 किलोमीटर उत्तर में स्थित सिहफिर गांव की सिस्टर रोसेला नुथांगी (65) और आइजोल के इलेक्ट्रिक वेंग इलाके की सिस्टर एन फ्रिडा (48) अन्य देशों की तीन नन के साथ मिलकर कीव के एक गोदाम में रह रहे 37 बेघर यूक्रेनी नागरिकों और केरल की एक छात्रा की देखभाल कर रही हैं। भोजन समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करने के बावजूद इनका इरादा अडिग है ।

रोसेला की एक रिश्तेदार सिल्वीन जोथांसियामी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रोसेला नुथांगी और नन फ्रिडा सुरक्षित और स्वस्थ हैं, लेकिन उनके समक्ष भोजन का संकट नजर आ रहा है। उसने बताया कि सोमवार को उनसे फोन पर बात हुई थी।

सिल्वीन ने सिस्टर रोसेला के हवाले से कहा, ‘हम ठीक हैं और अभी हमारे पास पहले से एकत्र किया हुआ खाने का सामान है। हम बाहर नहीं जा सकते हैं और अब एक गोदाम में छिप गए हैं।’

भाषा रवि कांत सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)