वाशिंगटन, 12 सितंबर (भाषा) । हिंद महासागर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अमेरिका ने मालदीव के साथ रक्षा सहयोग को लेकर समझौता किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से शुक्रवार को यह घोषणा की गई।
यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है जब ट्रंप प्रशासन क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी का मुकाबला करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत कर रहा है ।
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पेंटागन ने कहा कि फिलाडेल्फिया में 10 सितंबर को दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिये उप सहायक रक्षा मंत्री रीड वर्नर और मालदीव की रक्षामंत्री मारिया दीदी ने रक्षा व सुरक्षा समझौते के लिये प्रारूप पर हस्ताक्षर किये।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा, “यह रूपरेखा हिंद महासागर में शांति व सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दोनों देशों के गहरे संबंधों और सहयोग को निर्धारित करने के साथ ही रक्षा साझेदारी की दिशा में आगे की तरफ बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।”
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, इस करार में द्विपक्षीय गतिविधियों, वरिष्ठ नेताओं के स्तर पर संवाद, भागीदारी और समुद्री क्षेत्र में सहयोग, प्राकृतिक आपदा, राहत कार्यों में सहयोग के पहलू भी शामिल हैं ।
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मारिया दीदी ने कहा कि मालदीव सरकार इस प्रारूप को मालदीव और अमेरिका के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र महत्वपूर्ण करार के तौर देखती है।
रक्षा विभाग ने कहा कि वर्नर और दीदी ने इस द्वीपीय राष्ट्र के कोविड-19 से निपटने में अमेरिका की मदद के साथ ही उन विषयों पर भी चर्चा की जिनमें भविष्य में सहयोग की गुंजाइश है। दोनों के बीच पहले ‘रक्षा और सुरक्षा संवाद’ का कार्यक्रम तय करने को लेकर भी सहमति बनी।
पेंटागन ने कहा कि दोनों पक्षों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई जो क्षेत्र के सभी राष्ट्रों की सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देता है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपना दबदबा बढ़ाने का प्रयास कर रहा है । अमेरिका रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारत की व्यापक भूमिका पर भी जोर दे रहा है । चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी क्षमता बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर भी चीन का नियंत्रण हो चुका है ।
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