यूक्रेन शरणार्थी: मदद देने और लेने वालों को रहना होगा चौकन्ना |

यूक्रेन शरणार्थी: मदद देने और लेने वालों को रहना होगा चौकन्ना

यूक्रेन शरणार्थी: मदद देने और लेने वालों को रहना होगा चौकन्ना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : April 12, 2022/5:58 pm IST

एड्रियाना ई बोरा, पीएचडी अभ्यर्थी, क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

ब्रिस्बेन, 12 अप्रैल (द कन्वरसेशन) यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अकल्पनीय त्रासदी में 45 लाख यूक्रेनी नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए पड़ोसी देशों में पनाह लेने पर मजबूर हो गए, जहां उन्हें कपड़े, भोजन, परिवहन और यहां तक ​​कि अपने घरों में रहने की पेशकश करने वाले आम लोगों के भारी समर्थन और उदारता ने अभिभूत कर दिया है।

इन मानवीय प्रयासों को देखते ही देखते ऑनलाइन प्रसिद्धि मिलने लगी, लोगों ने शरणार्थियों को दी जाने वाली मदद के समन्वय के लिए व्हाट्सएप और फेसबुक समूहों का उपयोग किया।

जल्द ही कई वेबसाइट और प्लेटफॉर्म सामने आए, जो जरूरतमंद लोगों की मदद करने के इच्छुक लोगों को जोड़ने के लिए समर्पित थे। इनमें ए रूफ, शेल्टर 4 यूए, होम्स फॉर यूक्रेन, रिफ्यूजी एट होम, एयरबीएनबी, रूम्स फॉर रिफ्यूजी, होस्ट 4 यूक्रेन, यूक्रेन टेक शेल्टर, यूक्रेन शेल्टर, रिफ्यूजी.आरओ, यूनिटैडो, यूक्रेन नाउ और ईयू4यूए शामिल हैं।

इन पहलों ने जनता को यूक्रेनी शरणार्थियों का समर्थन करने में मदद की है।

हालांकि, इनमें से कई सार्थक परियोजनाओं को सीमित मानवीय ज्ञान के साथ और सरकारों या अनुभवी गैर सरकारी संगठनों के सहयोग के बिना विकसित किया गया है। इसलिए वे मानव तस्करी और शोषण की गुंजाइश पैदा करने का जोखिम भी रखती हैं।

जोखिम वास्तविक और चिंताजनक है

युद्धों से विस्थापित हुए लोगों पर मानव तस्करी और शोषण का खतरा है। 2018 में, संयुक्त राष्ट्र के शोध ने सीरिया, इराक, अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे संघर्ष क्षेत्रों से मानव तस्करी पीड़ितों की संख्या में भारी वृद्धि दिखाई।

ये पीड़ित आधुनिक दासता के कुछ सबसे बुरे रूपों में पहुंच सकते हैं, जैसे कि जबरन श्रम, जबरन विवाह, यौन दासता या सशस्त्र समूहों के हिस्से के रूप में शोषण।

इसी तरह के रुझान यूक्रेन में युद्ध में पहले ही देखे जा चुके हैं। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि अपराधियों और तस्करों ने पहचान पत्र जब्त करके, श्रम या यौन शोषण करके, या केवल युवा महिलाओं को सहायता लक्षित करके यूक्रेनियाई शरणार्थियों का शोषण करने का प्रयास किया है।

यह यूक्रेन और यूरोप और मध्य एशिया के देशों के बीच सक्रिय आपराधिक नेटवर्क के पहले से ही स्थापित उद्योग पर आधारित है।

यूनिसेफ के अनुसार, 24 फरवरी से 17 मार्च के बीच 500 से अधिक बच्चों के यूक्रेन से रोमानिया में सीमापार करने के बारे में पता चला था। मिसिंग चिल्ड्रेन यूरोप के महासचिव, आगजे इवेन ने कहा : ‘‘इतने सारे बच्चे हैं […] […] यह एक बहुत बड़ी समस्या है, सिर्फ इसलिए नहीं कि इसका मतलब है कि वे आसानी से गायब हो जाते हैं, और उन्हें ढूंढना मुश्किल होता है, बल्कि इसलिए भी कि यह तस्करी को आसान बना देता है।’’

इसलिए ऑनलाइन मदद के अधिकांश प्रस्ताव भले ही अच्छे उद्देश्य के साथ स्थापित किए गए हैं, लेकिन इनमें अपराधियों के घुसपैठ करने का जोखिम वास्तविक और चिंताजनक है।

प्लेटफॉर्म जिम्मेदारी निभाएं

पड़ोसी देशों में पहुंचने वाले यूक्रेन के शरणार्थी थके हुए और सदमे में हैं। आवास, परिवहन, नौकरी और दवा जैसी सेवाओं की तलाश करते समय, उनके लिए यह मालूम करना मुश्किल है कि प्लेटफ़ॉर्म पर दी जा रही ऑफ़र वैध हैं।

परिपक्व संस्थानों के लिए भी पृष्ठभूमि की जांच वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। और अपराधी इन जांचों पर पार पाने में तेजी से कुशल होते जा रहे हैं, जैसे कि पहचान गढ़ना, और परिचय तथा पहचान दस्तावेजों को गलत बनाना।

लेकिन इस तरह की जांच के बिना, सभी पक्ष – मदद देने वालों सहित – जोखिम में हैं। प्लेटफ़ॉर्म का कर्तव्य प्रासंगिक विशेषज्ञों के साथ सहयोग करना और शरणार्थियों को केवल सत्यापित ऑफ़र प्रस्तुत करना है।

कुछ ने इस मोर्चे पर प्रयासों का नेतृत्व किया है। उदाहरण के लिए, ए रूफ, होम्स फॉर यूक्रेन, रिफ्यूजीज़ एट होम, एयरबीएनबी और रूम फॉर रिफ्यूजी इन सभी का नेतृत्व या तो एक सरकारी निकाय या राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ द्वारा किया गया है, जिसे मानवीय संकट के क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव है।

ये प्लेटफ़ॉर्म घोषणा करते हैं कि मदद का प्रस्ताव मिलने के बाद, वे प्रस्ताव देने वाले लोगों की विश्वसनीयता और उससे जुड़ी किसी भी शर्त की जांच करते हैं। तभी प्लेटफॉर्म सेवा प्रदान करने वाले लोगों को शरणार्थियों से जोड़ते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने का भी दावा करते हैं, और इसमें शामिल सभी पक्षों के लिए कुछ वर्तमान स्पष्ट नियम हैं।

दूसरी ओर, कुछ अन्य प्लेटफ़ॉर्म पृष्ठभूमि की जाँच शरणार्थियों पर ही छोड़ देते हैं, केवल चेतावनी संदेश देते हैं जैसे: प्लेटफ़ॉर्म एक आपातकालीन एग्रीगेटर के रूप में कार्य करता है और सभी डेटा की वैधता सुनिश्चित नहीं करता है। हम आपसे उन सभी लोगों की विश्वसनीयता की पुष्टि करने का आग्रह करते हैं जिनसे आप किसी सेवा के लिए संपर्क करते हैं। (रिफ्यूजीजडॉटआरओ)

हम शरणार्थियों को मेजबानों से संपर्क करने के लिए कुछ सुरक्षा उपायों की एक गाइड प्रदान करते हैं। शरणार्थी अंततः अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार होते हैं। (यूक्रेन टेक शेल्टर)

कई मीडिया आउटलेट्स ने सुरक्षा और गोपनीयता के बारे में जरूरी प्रश्न पूछे बिना उपरोक्त दोनों सहित इन पहलों का समर्थन और प्रचार किया है। इस तरह के समर्थन एक संस्था को मदद मांगने वालों के लिए भरोसेमंद बना सकते हैं।

मदद करने के इच्छुक लोगों के लिए सुरक्षा

समर्थन की पेशकश करने वालों की गोपनीयता को उन प्लेटफार्मों द्वारा भी संरक्षित किया जाना चाहिए जिन पर वे अपने डेटा के साथ भरोसा कर रहे हैं। ज्यादातर मामलों में इन आंकड़ों में उनका पूरा नाम, ईमेल पता, फोन नंबर, घर का पता और तस्वीरें शामिल होती हैं।

कुछ अधिक विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म घोषित करते हैं कि प्राप्त व्यक्तिगत डेटा का उपयोग केवल मेजबानों और शरणार्थियों के बीच संपर्क को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है, और केवल सौंपे गए संगठन (आमतौर पर एक विशेष एनजीओ या सरकारी एजेंसी) को उपलब्ध कराया जाता है।

हालाँकि, ये प्लेटफ़ॉर्म भी यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास कर सकते हैं कि वे साइबर हमलों के खिलाफ उपाय कर रहे हैं, और डेटा से छेड़छाड़ होने की स्थिति में उनके पास बैक-अप समाधान हैं।

कुछ प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं के पूरे नाम, ईमेल, घर के पते और सभी को देखने के लिए चित्र प्रदर्शित करते हैं। यह व्यक्तियों को धोखाधड़ी या शोषण के लिए उनके विवरण को स्क्रैप और उपयोग किए जाने के जोखिम में डालता है।

शरणार्थियों और मेजबानों के बीच संपर्क स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड किए जाने चाहिए और अनुरोध पर अधिकारियों के साथ साझा किए जाने चाहिए। इसके बिना, अपराधियों के लिए कोई निशान छोड़े बिना पीड़ितों को परेशान करने के अवसर हैं।

हम सभी मदद करने के लिए और अधिक कर सकते हैं

जिन लोगों ने यूक्रेनी शरणार्थियों की मदद के लिए प्रयास किए हैं, उनकी सराहना की जानी, और इस लेख का उद्देश्य उनके प्रयासों को कम करना नहीं है।

हालाँकि, यह अपेक्षा करना अनुचित है कि कमजोर शरणार्थी – जिनमें से कई ऐसे देशों में आ रहे हैं जहाँ की स्थानीय भाषा वह नहीं बोलते हैं – प्रस्तावों की विश्वसनीयता सुनिश्चित कर पाएंगे।

मानवीय प्रयासों को सुविधाजनक बनाने वाले प्लेटफ़ॉर्म ‘‘नियम और शर्तों’’ के पीछे छिपकर सुरक्षा और गोपनीयता अनुशंसाओं को अनदेखा नहीं कर सकते। आक्रमण शुरू हुए काफी समय हो गया है, इसलिए प्रारंभिक बहाना कि इन उपायों को लागू करने का समय नहीं था, अब नहीं रह गया है।

इसके अलावा, मौजूदा प्लेटफॉर्म बनाने वालों को अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए अनुभवी संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। साथ ही, समर्थन की पेशकश करने के इच्छुक जनता के सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे केवल उन प्लेटफार्मों का उपयोग करें जिनके पास इस तरह के उपाय हैं।

द कन्वरसेशन एकता एकता

एकता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)