संरा मानवाधिकार प्रमुख, ह्यूमन राइट्स वाच ने श्रीलंका में हिंसा की निंदा की |

संरा मानवाधिकार प्रमुख, ह्यूमन राइट्स वाच ने श्रीलंका में हिंसा की निंदा की

संरा मानवाधिकार प्रमुख, ह्यूमन राइट्स वाच ने श्रीलंका में हिंसा की निंदा की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : May 11, 2022/6:49 pm IST

न्यूयॉर्क/जिनेवा, 11 मई (भाषा) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैश्लेट ने श्रीलंका में बढ़ती हिंसा की निंदा करते हुए सरकार के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सत्ताधारी दल के सदस्यों द्वारा किए गए हमलों की व्यापक और निष्पक्ष जांच की मांग की।

संरा मानवाधिकार उच्चायुक्त बैश्लेट ने श्रीलंका में अधिकारियों से हिंसा रोकने का आह्वान करते हुए अनुरोध किया कि वे संयम बरतें तथा देश में भीषण आर्थिक संकट के बीच लोगों की शिकायतों को सार्थक बातचीत से हल करें।

उन्होंने मंगलवार को कहा, “कल 9 मई को कोलंबो में प्रधानमंत्री के समर्थकों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किए जाने और उसके बाद सत्ताधारी दल के सदस्यों के खिलाफ भीड़ द्वारा की गई हिंसा के बाद श्रीलंका में बढ़ती हिंसा से मैं बहुत व्यथित हूं।”

श्रीलंका में सोमवार को उस समय झड़पें हुईं जब सरकार समर्थकों ने कोलंबो और अन्य जगहों पर शांतिपूर्ण तरीके से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हो गए।

बैश्लेट ने जिनेवा में एक बयान में कहा, “मैं हिंसा की निंदा करती हूं और अधिकारियों से सभी हमलों की स्वतंत्र, व्यापक और पारदर्शी तरीके से जांच करने की मांग करती हूं।। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हिंसा भड़काने वालों सहित जिम्मेदार पाए जाने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए।”

उन्होंने अधिकारियों से हिंसा को और भड़कने से रोकने और शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने के अधिकार की रक्षा करने का आह्वान किया।

बैश्लेट ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय देश की स्थिति पर करीब से नजर रखेगा और जानकारी लेता रहेगा।

इस बीच, ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ श्रीलंका में “भेदभावपूर्ण प्रतिक्रिया” की निंदा करते हुए मांग की कि सुरक्षा बल शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करें और हिंसा के लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संगठन ने कहा कि विदेशी सरकारों और श्रीलंका को आर्थिक सहायता की पेशकश कर रहे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) व विश्व बैंक सहित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को इस बात पर जोर देना चाहिए कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करे।

ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने एक ट्वीट में कहा, “श्रीलंका में सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा हिंसा भड़काने के साथ सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के विरूद्ध भेदभावपूर्ण प्रतिक्रिया। आर्थिक संकट के समाधान और प्रदर्शनकारियो की मांगों के निराकरण के बजाए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार ने विभाजनकारी होना चुना।”

ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया, “सुरक्षा बलों के लिए शांतिपूर्ण सभा के अधिकार का पूरी तरह से सम्मान करना और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराना बेहद जरूरी है।”

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)