उत्तर कोरिया की रॉकेट प्रक्षेपण की योजना, दूसरे सैन्य जासूसी उपग्रह भेजे जाने की संभावना |

उत्तर कोरिया की रॉकेट प्रक्षेपण की योजना, दूसरे सैन्य जासूसी उपग्रह भेजे जाने की संभावना

उत्तर कोरिया की रॉकेट प्रक्षेपण की योजना, दूसरे सैन्य जासूसी उपग्रह भेजे जाने की संभावना

:   Modified Date:  May 27, 2024 / 11:03 AM IST, Published Date : May 27, 2024/11:03 am IST

सियोल (दक्षिण कोरिया), 27 मई (एपी) उत्तर कोरिया ने अगले सप्ताह की शुरुआत में एक रॉकेट प्रक्षेपित करने की अपनी योजना की सोमवार को घोषणा की जिसके जरिए वह संभवत: अपने दूसरे सैन्य जासूसी उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंचाएगा।

उत्तर कोरिया के पड़ोसियों दक्षिण कोरिया एवं जापान ने इस घोषणा की निंदा की है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल, चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने चार साल से अधिक समय में अपनी पहली त्रिपक्षीय बैठक के लिए सियोल में मुलाकात की, तभी उत्तर कोरिया के संबंध में यह जानकारी मिली।

जापान के तट रक्षक ने बताया कि उसे उत्तर कोरिया ने ‘उपग्रह रॉकेट’ के तय प्रक्षेपण के बारे में सूचित किया है जिसमें सोमवार से तीन जून की आधी रात तक कोरियाई प्रायद्वीप एवं चीन के बीच के जलक्षेत्र और फिलीपीन द्वीप लुजोन के पूर्व में सुरक्षा बरतने को लेकर सचेत किया गया है।

उत्तर कोरिया जापान को अपने प्रक्षेपण की जानकारी देता है क्योंकि जापान का तट रक्षक पूर्वी एशिया में समुद्री सुरक्षा जानकारी का समन्वय और वितरण करता है।

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के कार्यालय ने बताया कि किशिदा ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उत्तर कोरिया से प्रक्षेपण नहीं करने का अनुरोध करें और किसी भी आपात स्थिति में पर्याप्त कदम उठाने में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों के साथ सहयोग करें।

ऐसा माना जा रहा है कि यह सूचना उत्तर कोरिया द्वारा अपने दूसरे सैन्य जासूसी उपग्रह को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के प्रयास को दर्शाती है। दक्षिण कोरिया की सेना ने शुक्रवार को कहा था कि उसे ऐसे संकेत मिले हैं कि उत्तर कोरिया, उत्तर-पश्चिम में अपने प्रमुख टोंगचांगरी प्रक्षेपण केंद्र से एक जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण करने की तैयारी कर रहा है।

उत्तर कोरिया ने अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य खतरों से निपटने के लिए अंतरिक्ष-आधारित निगरानी नेटवर्क बनाने के अपने प्रयासों के तहत पिछले नवंबर में अपना पहला सैन्य ‘टोही’ उपग्रह कक्षा में भेजा था।

संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया के उपग्रह प्रक्षेपित करने पर प्रतिबंध लगा रखा है क्योंकि उसका मानना है कि इसकी आड़ में उत्तर कोरिया लंबी दूरी की अपनी मिसाइल प्रौद्योगिकी का परीक्षण कर रहा है। उत्तर कोरिया का कहना है कि उसे उपग्रहों को प्रक्षेपित करने और मिसाइल का परीक्षण करने का अधिकार है। उसका कहना है कि जासूसी उपग्रह उसे अमेरिका और दक्षिण कोरिया की गतिविधियों पर बेहतर तरीके से नजर रखने और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल की सटीकता से हमला करने की क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे।

यून ने किशिदा और ली के साथ बैठक की शुरुआत में कहा, ‘‘बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया गया (उत्तर कोरिया का) हर प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का सीधे तौर पर उल्लंघन करेगा और क्षेत्र एवं दुनिया की शांति एवं सुरक्षा को कमजोर करेगा।’’

किशिदा ने कहा कि उन्होंने उत्तर कोरिया से प्रक्षेपण योजना रद्द करने का आग्रह किया। चीन उत्तर कोरिया का सहयोगी है और ली ने उत्तर कोरियाई प्रक्षेपण योजना का उल्लेख नहीं किया।

जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के दौरान उत्तर कोरिया से प्रक्षेपण रद्द करने का आग्रह करने पर सहमत हुए।

एपी

सिम्मी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)