अमेरिका और रूस ने यूक्रेन संकट पर तनाव कम करने की कोशिश की |

अमेरिका और रूस ने यूक्रेन संकट पर तनाव कम करने की कोशिश की

अमेरिका और रूस ने यूक्रेन संकट पर तनाव कम करने की कोशिश की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : January 21, 2022/10:14 pm IST

जिनेवा, 21 जनवरी (एपी) अमेरिका और रूस ने यूक्रेन को लेकर गतिरोध में बढ़े हुए तनाव को कम करने की कोशिश की लेकिन दोनों ने रूस के संभावित आक्रमण को रोकने को लेकर शुक्रवार को हुई उच्च स्तरीय वार्ता में कोई उपलब्धि नहीं हासिल होने की बात कही।

बिल्कुल विपरीत मांगों को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने जिनेवा में करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की। अमेरिका इसे ‘अहम क्षण’ बता रहे हैं।

लेकिन दोनों पक्षों में कोई भी समाधान की दिशा में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ सका। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस की ज्यादातर मांगों को खारिज करने पर अडिग है।

बहरहाल, ब्लिंकन ने लावरोव से कहा कि अमेरिका रूस को उसके प्रस्तावों पर अगले सप्ताह लिखित जवाब देगा। उन्होंने कहा कि उसके कुछ समय बाद उन दोनों के बीच फिर वार्ता हो सकती है।

यूक्रेन के समीप करीब 100000 रूसी सैनिकों के जमावड़े से कई लोगों को आशंका है कि रूस हमले की तैयारी कर रहा है। हालांकि रूस इससे इनकार करता है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस को ऐसा करने से रोकने या ऐसा करने पर जबर्दस्त जवाब देने के लिए गोलबंद हो रहे हैं।

बैठक के बाद ब्लिंकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें आज किसी उपलब्धि की आशा नहीं थी। लेकिन मैं मानता हूं कि हम एकदूसरे के रूख को समझने के लिए अब स्पष्ट राह पर हैं।’’

उन्होंने कहा कि लावरोव ने बार बार रूस का यह रूख दोहराया कि उसका यूक्रेन पर हमला करने की योजना नहीं है लेकिन लेकिन एवं उसके सहयोगी देश उससे संतुष्ट नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें जो नजर आ रहा है, हम उसे देख रहे हैं, कथनी नहीं, बल्कि करनी से फर्क नजर आता है।’’ उन्होंने कहा कि रूस यदि अपना बिंदु साबित करना चाहता है तो उसे यूक्रेन सीमा से अपने सैनिकों को हटाना चाहिए।

इस बीच, लावरोव ने वार्ता को ‘सकारात्मक एवं उपयोगी’ बताया ओर कहा कि अमेरिका यूक्रेन एवं नाटो पर उसकी मांगों पर अगले सप्ताह लिखित जवाब देने पर राजी हुआ है , कम से कम कुछ दिनों के लिए इस आसन्न आक्रमण में देर हो सकती है।

रूस ने मांग की है कि नाटो वादा करे कि यूक्रेन को कभी जुड़ने नहीं दिया जाएगा। वह भी चाहता है कि नाटो और उसके सहयोगीदेश पूर्वी यूरोप के हिस्सों से सैनिक एवं उपकरण हटाए।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका और उसके साझेदारों ने रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला होने की स्थिति में ‘गंभीर’ नतीजे होने की चेतावनी दी है जिनमें रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध शामिल हैं। लेकिन उन्होंने जवाबी सैन्य कार्रवाई की बात नहीं की है।

ब्लिंकन ने इस सप्ताह कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलकात की थी और उन्होंने ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के शीर्ष राजनयिकों के साथ भी इस सप्ताह बर्लिन में बैठक की थी। ब्लिंकन की उन बैठकों के बाद लावरोव के साथ पहली आमने-सामने की बैठक हो रही है जिसे संवाद और समझौते की आखिरी कोशिश माना जा रहा है। लेकिन दोनों पक्ष अब तक अपने-अपने रुख पर कायम हैं।

एपी राजकुमार माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)