अमेरिकी सीनेट ने यूक्रेन को 40 अरब डॉलर की मदद देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी |

अमेरिकी सीनेट ने यूक्रेन को 40 अरब डॉलर की मदद देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी

अमेरिकी सीनेट ने यूक्रेन को 40 अरब डॉलर की मदद देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:45 PM IST, Published Date : May 20, 2022/10:53 am IST

वाशिंगटन, 20 मई (एपी) अमेरिकी संसद ने यूक्रेन और अमेरिका के अन्य सहयोगी देशों को 40 अरब डॉलर की सैन्य, आर्थिक व खाद्य सहायता देने संबंधी प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच कीव को सबसे बड़ी मदद देने की प्रतिबद्धता पर अमेरिकी संसद के दोनों सदनों की मुहर लग गई।

अमेरिकी संसद में यह प्रस्ताव 11 के मुकाबले 86 मतों से पारित हो गया। डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी, जबकि रिपब्लिकन पार्टी के ज्यादातर सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन में जहां संसद में दोनों पार्टियों के बीच मतभेद के चलते कई प्रस्ताव गिर गए, वहीं बृहस्पतिवार को यूक्रेन की मदद संबंधी प्रस्ताव का भारी अंतर से पारित होना इस बात का संकेत था कि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसद रूसी आक्रमण से निपटने में कीव को मदद भेजने के मामले में काफी हद तक एकजुट हैं।

बाइडन ने एक बयान जारी कर कहा, “मैं दुनिया को एक स्पष्ट द्विदलीय संदेश भेजने की खातिर कांग्रेस की सराहना करता हूं कि अमेरिकी अवाम यूक्रेन के बहादुर लोगों के साथ खड़ी है, क्योंकि वे अपने लोकतंत्र और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।”

अमेरिकी कांग्रेस के चुनाव में छह महीने से भी कम समय बचा है। प्रस्ताव के विरोध में पड़े सभी मत रिपब्लिकन सांसदों ने डाले। सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने रिपब्लिकन सांसदों के यूक्रेन की मदद का विरोध करने को ‘परेशान करने वाला’ बताया। उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि रिपब्लिकन पार्टी के ज्यादातर सदस्य पुतिन के पक्ष में वैसा ही नरम रुख रखते हैं, जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में देखने को मिलता था।”

वहीं, सीनेट में विपक्ष के नेता मिच मैककॉनेल ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अपने रिपब्लिकन साथियों को चेताया कि यूक्रेन में रूस की जीत दुश्मन ताकतों को महत्वपूर्ण यूरोपीय व्यापारिक भागीदारों की सीमाओं के और करीब ले जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके चलते अमेरिका का रक्षा खर्च बढ़ेगा और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं रखने वाले चीन सहित अन्य देश अमेरिकी प्रतिबद्धता की परीक्षा लेने को प्रेरित होंगे।

एपी पारुल मनीषा शोभना

शोभना

 

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