ईरान में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन, देश में फैली अशांति के लिए ये दो देश जिम्मेदार, जानें किसने कही ये बात

ईरान के सर्वोच्च नेता ने पुलिस हिरासत में एक महिला की मौत के बाद देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है।

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  • Publish Date - October 4, 2022 / 05:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

Women’s protests in Iran : तेहरान – ईरान के सर्वोच्च नेता ने पुलिस हिरासत में एक महिला की मौत के बाद देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से देश में हो रहे सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने इसे दंगा करार देते हुए अमेरिका और इजरायल पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने का आरोप लगाया। खामेनेई ने कहा कि ईरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 साल की महसा अमिनी की मौत से उनका दिल टूट गया था, जिसके बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। हालांकि, उन्होंने ईरान को अस्थिर करने के लिए विरोध-प्रदर्शनों को विदेशी साजिश करार देते हुए इसकी तीखी निंदा की। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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Women’s protests in Iran : ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा एक दशक के बाद उनके शासन काल में यह विरोध प्रदर्शन सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है और उन्होंने सुरक्षा बलों को और ज्यादा सतर्क और तैयार रहने के लिए कहा है। उधर अमेरिका ने कहा कि वह विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ की गई हिंसक कार्रवाई से हैरान है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान में कहा कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई की खबरों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं।

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Women’s protests in Iran : बाइडन ने कहा कि प्रदर्शनकारी न्यायसंगत और सार्वभौमिक सिद्धांतों का आह्वान कर रहे हैं और अमेरिका ईरानी महिलाओं के साथ खड़ा है जो बहादुरी के साथ अपनी लड़ाई लड़ रही हैं और दुनिया को प्रेरित कर रही हैं। ब्रिटेन ने लंदन में ईरान के वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया और कहा कि तेहरान अशांति के लिए बाहरी तत्वों को जिम्मेदार ठहराने के बजाय खुद इसकी जिम्मेदारी लें और अपने लोगों की चिंताओं को सुनें और समझे।

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Women’s protests in Iran : गौरतलब है कि तेहरान में महिलाओं को हिजाब पहनने वाले सख्त कानून को तोड़ने के आरोप में 13 सितंबर को 22 साल की महासा अमिनी को हिरासत में लिया गया, जिसके कुछ घंटे बाद वह कोमा में चली गई और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उसके सिर पर डंडा मारा और एक वाहन पर उसका सिर पटका। पुलिस ने हालांकि कहा किसी प्रकार के दुव्र्यवहार का कोई सबूत नहीं है और उसकी मौत अचानक दिल का दौरा पडऩे से हुई।

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Women’s protests in Iran : पीड़िता अमिनी का अंतिम संस्कार होने के बाद ईरान में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। हवा में अपने हिजाब लहराए और उन्हें आग लगाकर महिला, जीवन, स्वतंत्रता और तानाशाह की मौत जैसे नारे लगाए। ईरान के साथ साथ अन्य देशों में भी हिजाब को लेकर प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता ने हालांकि कहा कि विदेशी शक्तियों ने इस दंगे की योजना बनाई क्योंकि वे ईरान को सभी क्षेत्रों में शक्तिशाली बनते देखना बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।

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