नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण को लेकर अखाड़ा के संतों का अयोध्या में आज और कल होने वाले मार्च को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। अखाड़ संतों आपात बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बना रहे हैं।
शिवसेना और वीएचपी के बाद अब अखाड़ों के संतों भी अयोध्या पहुंच रहे हैं। बतादं मार्च में शामिल होने संख्या में नागा संन्यासी भी शामिल हो रहे हैं। लेकिन प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने से संतों में नाराजगी है।
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अयोध्या मार्च की मंजूरी नहीं मिलने पर अखाड़ों के प्रतिनिधि वहां मुस्लिम पक्षकारों से बातचीत कर आपसी सुलह-समझौते के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मुताबित अयोध्या मार्च के कार्यक्रम में एक लाख से ज़्यादा संत और नागा संन्यासी भी शामिल होंगे।
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बता दें कि मंदिर निर्माण पर अपनी बात रखते हुए स्वामी स्वरूपानन्द ने कहा था कि अयोध्या में रामलला का मन्दिर बन के रहेगा, लेकिन वह राम आर्दश राम का नहीं बल्कि आराध्य देव राम का होगा। यही हमारी भावना है और हमारा संर्घष भी इसी को लेकर है। स्वामी स्वरूपानन्द ने कहा था कि अब समय आ गया है जब मुस्लिम खुद हिन्दुओं को जन्मभूमि सौंप दें और मंदिर बनाने में सहयोग करें।
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