सुब्रमण्यम स्वामी ने दी चेतावनी, राम मंदिर निर्माण का विरोध किया तो गिरा दूंगा सरकार | Swamy warns to topple modi government and up government

सुब्रमण्यम स्वामी ने दी चेतावनी, राम मंदिर निर्माण का विरोध किया तो गिरा दूंगा सरकार

सुब्रमण्यम स्वामी ने दी चेतावनी, राम मंदिर निर्माण का विरोध किया तो गिरा दूंगा सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : December 8, 2018/9:57 am IST

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र या यूपी सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने की कोशिश करती हैं, तो वह सरकार गिरा देंगे। जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यदि जनवरी में हमारा मामला (राम मंदिर निर्माण) सूचीबद्ध है, तो हम इसे दो सप्ताह में जीतेंगे, क्योंकि मेरी दो विरोधी पार्टियां केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार हैं। क्या उनके पास विरोध करने की हिम्मत है। अगर वे करते हैं, तो मैं सरकार को गिरा दूंगा। हालांकि, मुझे पता है कि वे ऐसा नहीं करेंगे।’

स्वामी ने अपने संबोधन के दौरान दावा किया कि मुसलमानों को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, जिन मुस्लिमों से मैं व्यक्तिगत रूप से मिला, वे मुझे बताते हैं कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर कोई आपत्ति नहीं है। स्वामी ने कहा, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि मुगल शासक बाबर द्वारा कब्जा की गई भूमि हमारी है। उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे बाबरी को फिर से बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी जमीन है। राम जन्मभूमि व्यास और निर्मोही अखाड़ा जैसे हिंदू पक्षों ने कहा कि वहां दो मंदिर थे जिनमें वे ट्रस्टी थे, और उन्हें दिया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके मुकदमे को सुना और कहा कि यह राम जन्मभूमि है, दो हिस्से हिंदुओं के पास जाएंगे, और एक मुसलमानों के पास।

बीजेपी नेता ने आगे कहा, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इसे चुनौती दी क्योंकि जमीन मुसलमानों को दी गई थी, न कि उन्हें। 2010-2017 से मामला नहीं सुना गया था। मैं सुप्रीम कोर्ट में गया और यही कारण है कि अदालत द्वारा तारीख तय नहीं की जा रही थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि इस मामले में मेरी हिस्सेदारी क्या है। स्वामी ने दावा किया कि प्रार्थना करने का उनका अधिकार संपत्ति के ऊपर माना जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें : भारत-ऑस्ट्रेलिया पहला टेस्ट, तीसरे दिन टीम इंडिया ने दूसरी पारी में हासिल की 166 रन की बढ़त 

उन्होंने कहा कि मुझे संविधान के अनुसार प्रार्थना करने का अधिकार है। अदालत सुनने के लिए सहमत हो गई। मेरा विश्वास कहता है कि राम यहां पैदा हुए थे और मैं वहां एक बड़ा मंदिर चाहता हूं। मुस्लिम केवल संपत्ति मांग रहे हैं, जो एक मौलिक अधिकार नहीं है।  गौरतलब है कि राम मंदिर निर्माण मसले पर अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख तय करने के लिए इसे जनवरी 2019 तक स्थगित कर दिया था।

 
Flowers