IBC24 JanKarwan in Dantewada: जब भी छत्तीसगढ़ की बात होती हैं तो लोगों के जहन में बस्तर का नाम गूंजता और जब बात बस्तर की होती हैं तो माँ दंतेश्वरी की नगरी दंतेवाड़ा का जिक्र भला कैसे ना किया जाएँ। जी हां. आज आईबीसी24 का लोकप्रिय चुनावी कार्यक्रम जनकारवां आज पहुंचा हैं माँ दंतेश्वरी की नगरी दंतेवाड़ा। लेकिन धर्म से इतर आज बात राजनीति की, बात विकास की और बात उन असल मुद्दों की जिसका सीधा जुड़ाव जनता से हैं, उनकी सुविधाओं से हैं।
देश के ह्रदय में बसा दंतेवाड़ा को कौन नहीं जानता। दंतेवाड़ा जितना माँ दंतेश्वरी की नगरी के लिए प्रसिद्द हैं तो उतना ही यहाँ की सबसे बड़ी समस्या माओवाद के लिए भी, लेकिन क्या दंतेवाड़ा नक्सलवाद से इतर दूसरी समस्यायों से नहीं जूझ रहा? क्या दंतेवाड़ा के लोगों की असल समस्याएं नक्सल समस्या के चलते पीछे ही रह गई? आखिर क्या है दंतेवाड़ा का असल मुद्दा और यहाँ के नागरिको की समस्या। हमने सीधे बात की दंतेवाड़ा के मतदाताओं, जनप्रतिनिधियों से और समझने की कोशिश की उनके असल समस्याओं को।
बात करे अगर इस जिले के इतिहास कि तो भारत की स्वतंत्रता से पहले, दंतेवाड़ा जिला बस्तर एस्टेट का एक हिस्सा चुका करता था। वर्ष 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद, बस्तर शासक के भारत सरकार में शामिल होने के बाद बस्तर की संपत्ति मध्य प्रदेश में बस्तर जिले का हिस्सा बन गई। वर्ष 1999 में बस्तर जिले को तीन जिलों बस्तर, कांकेर और दंतेवाड़ा में विभाजित किया गया था। वर्ष 2000 में, दंतेवाड़ा उन 16 मध्य प्रदेश जिलों में से एक था, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया था। दंतेवाड़ा जिले को 2007 में उप-विभाजित किया गया था जिसके परिणामस्वरूप बीजापुर का एक नया जिला बना, छत्तीसगढ़ में 4 तहसीलें जिनमें बीजापुर, उसूर, भैरमगढ़ और भोपालपटनम शामिल थीं। वर्ष 2012 में, इसे 3 तहसीलों छिंदगढ़, कोंटा और सुकमा के साथ एक और नए जिले सुकमा में विभाजित किया गया।
दंतेवाड़ा एक खूबसूरत शहर है जो छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। यह जिला/शहर पहाड़ियों की सुंदर लंबी और ऊंची श्रृंखला से समृद्ध है जो घने हरे सागौन और साल के जंगलों से भरी हुई है। इस जिले में इंद्रावती, शभरी और गोदावरी नदियाँ बहती हैं। इनके अलावा, दो अन्य पेरिनियल नदियाँ अर्थात् शंखिनी नदी और डंकिनी नदी भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं। झरनों के साथ ये नदियाँ इस शहर को प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करती हैं। इस प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, यहां घूमने के लिए कई ऐतिहासिक स्थान हैं जिनमें बारसूर, दंतेवाड़ा और भद्रकाली शामिल हैं जो वास्तव में देखने लायक हैं। दंतेवाड़ा की यात्रा के दौरान कैलाश नगर और आकाश नगर में बैलाडीला लौह अयस्क परियोजना टाउनशिप, पार्क, खदानें और पहाड़ी की चोटी पर स्थित बस्तियां देखने लायक स्थान हैं।
दंतेवाडा विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार दंतेवाडा विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। आइये एक नजर डालते हैं दंतेवाड़ा के चुनावी इतिहास पर..
2018
भीमा मंडावी भाजपा 37,990 33%
देवती कर्मा कांग्रेस 35,818 32%
2013
देवती कर्मा कांग्रेस 41,417 42%
भिमाराम मंडावी भाजपा 35,430 36%
2008
भीमा मंडावी भाजपा 36,813 38%
मनीष कुंजाम सीपीआई 24,805 26%
2003
महेंद्र कर्मा कांग्रेस 24,572 36%
नंद राम सोरी सीपीआई 19,637 29%
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