Chunavi Chaupal in Balaghat : बालाघाट सीट को माना जाता है भाजपा का गढ़, 7 बार विधायक रह चुके हैं गौरी शंकर बिसेन, लेकिन इस बार जीत के रास्ते में रोड़ा बन सकते हैं ये मुद्दें
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Chunavi Chaupal in Balaghat
Chunavi Chaupal in Balaghat साल 2023 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए बेहद ही खास रहने वाला है। इस साल दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने को है। दोनों राज्यों के राजनीतिक पार्टियों ने इन दोनों राज्यों में चुनावी तैयारियों में जुट गई है। जनता को रिझाने की कोशिश राजनीतिक पार्टियां कर रही है।
Chunavi Chaupal in Balaghat इस चुनावी साल में IBC24 एक बार फिर आपके पास पहुंच रहा है। हम अपने कार्यक्रम चुनावी चौपाल के जरिए आपसे संवाद कर आपके मुद्दों को जानेंगे। आज हमारी टीम मध्यप्रदेश के बालाघाट विधानसभा पर पहुंची और लोगों से वहां की समस्याओं और विधायक के प्रदर्शन को लेकर बातचीत की।
वैनगंगा नदी के किनारे बसा बालाघाट शहर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। बालाघाट की पहचान धान की बंपर पैदावार है। जीआई टैग वाला लजीज चावल चिन्नौर भी बालाघाट में ही पैदा होता है। इस सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां से पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं। 1985 से अब तक गौरीशंकर बिसेन, बालाघाट सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं। इसके साथ ही बिसेन बालाघाट संसदीय सीट से दो बार सांसद भी चुने जा चुके हैं। गौरीशंकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में दो बार मंत्री भी रहे हैं। वर्तमान में वो मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष हैं।
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जातिगत समीकरणों की बात करें तो यहां पंवार जाति के लोग सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि प्रत्याशियों के बीच इसी जाति को साधने की कोशिश की जाती है पंवार समाज के अलावा इस सीट पर लोधी और मरार समाज के वोट भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
2018 में ऐसी थी तस्वीर
बालाघाट विधानसभा सीट में 2018 के नतीजों में बीजेपी के गौरी शंकर चतुर्भुज ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी। 2018 में चुनाव से पहले सीट से कांग्रेस और बीजेपी में कड़ी टक्कर की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी की अनुभा मुंजारे मुकाबले में दूसरे नंबर पर रहीं और कांग्रेस के विश्वेश्वर भगत तीसरे नंबर पर रहे. गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन को 73 हजार वोट मिले। वहीं सपा प्रत्याशी अनुभा मुंजारे को 45822 वोट मिले।
विधानसभा चुनाव-2013
भाजपा- गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन-71993 (45.24%)
सपा- अनुभा मुंजारे-69493 (43.67%)
विधानसभा चुनाव-2008
भाजपा- गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन- 41344 (32.93%)
कांग्रेस- अशोक सिंह सरसवार- 29968 (23.87%)
इस बार क्या कहती है जनता
जब हमने बालाघाट की जनता से विधायक के प्रदर्शन समेक स्थानीय मुद्दों को लेकर बातचीत को मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली। बालाघाट शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक है। शहर में दो रेलवे क्रॉसिंग हैं। जिन पर रेलवे ओवर ब्रिज नहीं है। लिहाजा दिनभर यहां आधे-आधे घंटे का जाम लगता रहता है। बालाघाट शहर की सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है। एक स्थानीय युवा ने कहा कि रेलवे ओवरब्रिज नहीं होने के कारण कई बार एंबुलेंस फंस जाती है, जिसके कारण मरीजों को तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
विकास के सवाल पर एक स्थानीय मतदाता ने कहा कि पहले की तुलना में यहां विकास के काम अच्छे हुए हैं। पहले बस स्टैंड की हालात खराब थी, लेकिन भाजपा सरकार में इसके विकास के लिए काम हुआ है। वहीं एक युवा ने कहा कि रोजगार भी बालाघाट की एक बड़ी समस्या है। शहर के आस-पास कोई बड़ा उद्योग या इंडस्ट्रियल एरिया न होने की वजह से युवाओं के लिए रोजगार की समस्या बनी हुई है।
बालाघाट में धान की बंपर पैदावार होती है। रबी और खरीफ दोनों ही सीजन में किसान धान ही पैदा करते हैं। लेकिन सरकार सिर्फ एक सीजन में ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदती है। इसके कारण किसानों को एक सीजन की धान कम कीमत पर बेचनी पड़ती है।

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