Chunavi Chaupal in Chhindwara, Kamal Nath ki Seat, Chhindwara Vidhan Sabha

Chunavi Chaupal in Chhindwara : कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है छिंदवाड़ा, कमलनाथ यहीं से लड़ते हैं चुनाव, क्या इस बार ये किला ढहा पाएगी बीजेपी

कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है छिंदवाड़ा, Chunavi Chaupal in Chhindwara, Kamal Nath ki Seat, Chhindwara Vidhan Sabha

Edited By :   Modified Date:  March 11, 2023 / 04:15 PM IST, Published Date : March 11, 2023/4:15 pm IST

Chunavi Chaupal in Chhindwara साल 2023 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए बेहद ही खास रहने वाला है। इस साल दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने को है। दोनों राज्यों के राजनीतिक पार्टियों ने इन दोनों राज्यों में चुनावी तैयारियों में जुट गई है। जनता को रिझाने की कोशिश राजनीतिक पार्टियां कर रही है। इस चुनावी साल में IBC24 एक बार फिर आपके पास पहुंच रहा है। आज हमारी टीम मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर पहुंची और लोगों से वहां की समस्याओं और विधायक के प्रदर्शन को लेकर बातचीत की। तो चलिए जानते हैं कि मध्यप्रदेश की हाइप्रोफाइल सीट कहे जाने वाले छिंदवाड़ा का हाल…

Chunavi Chaupal in Chhindwara छिंदवाड़ा सतपुड़ा रेंज के सबसे बड़े शहरों में से एक है और मध्य प्रदेश में क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़ा जिला है। इस क्षेत्र में ‘छिन्द’ (ताड़) के पेड़ बहुतायत में हैं जिससे इसका नाम छिंदवाड़ा पड़ा। एक समय यहां शेरों की बहुतायत थी, इसलिए इसे पहले ‘सिन्हवाडा’ भी कहा जाता था। छिंदवाड़ा जिले का गठन 01 नवंबर 1956 को किया गया था। इसका क्षेत्रफल 11,815 वर्ग किलोमीटर है। छिंदवाड़ा जिले में 7 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं।

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कमलनाथ का गढ़ माना जाता है छिंदवाड़ा

Chunavi Chaupal in Chhindwara मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ रहा है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1980 से लेकर अब तक सिर्फ एक बार कमलनाथ को हार का सामना करना पड़ा था। साल 1997 में पूर्व सीएम सुंदर लाल पटवा ने उन्हें मात दी थी। छिंदवाड़ा के विकास मॉडल की खूब चर्चा होती है। कमलनाथ ने यहां पर विशाल हनुमान जी की मूर्ति बनवाई है। इसके अलावा उन्होंने स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी बनवाया है। यहां पर उन्होंने 56 किमी लंबा रिंग रोड, कॉल सेंटर, मॉडल रेलवे स्टेशन बनवाया है।

2019 में हुआ था उपचुनाव

2018 में कांग्रेस को बहूमत मिलने के बाद कमलनाथ को पार्टी ने सीएम की जिम्मेदारी दी। इस समय तक कमलनाथ विधानसभा के सदस्य नहीं थे। लिहाजा उनके लिए छिंदवाड़ा सीट को खाली करवाया गया। पार्टी हाईकमान से आदेश मिलने के बाद कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। फिर साल 2019 में इस विधानसभा पर उपचुनाव हुआ। छिंदवाड़ा उपचुनाव में कमलनाथ ने भारतीय जानता पार्टी के प्रत्याशी को कड़े मुकाबले में हराया। इस सीट पर बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन वो चुनाव हार गए। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कलमनाथ को 1 लाख 12 हजार 508 वोट मिले। उन्हें 54।99 फीसदी वोट शेयर मिला। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के विवेक बंटी साहू को 87 हजार 896 मत मिले।

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2018 का चुनाव परिणाम

2018 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर एक बार फिर कांग्रेस का परचम लहराया था। यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक सक्सेना और भाजपा प्रत्याशी चौधरी चंद्रभान सिंह के बीच मुकाबला था। कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने भाजपा प्रत्याशी को 14547 वोटों मात दी थी।

2013 और उससे पहले ऐसा था हाल

2013 के चुनाव में बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह ने कांग्रेस के दीपक सक्सेना को हराया था। चौधरी चंद्रभान सिंह को 97769 वोट मिले थे, तो वहीं दीपक सक्सेना को 72991 वोट मिले थे। दोनों के बीच हार-जीत का अंतर 24 हजार से ज्यादा वोटों का था। वहीं 2008 के चुनाव की बात करें तो इस बार कांग्रेस के दीपक सक्सेना को जीत मिली थी। उन्होंने 64740 वोट हासिल कर बीजेपी केचौधरी चंद्रभान सिंह को 3 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

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इस बार क्या कहती है छिंदवाड़ा की जनता

दूसरे विधानसभा सीटों की तुलना में छिंदवाड़ा सीट पर विकास तो दिखता है। इस बात की हमेशा चर्चा होती रहती है कि बिजली, पानी और सड़कों की स्थिति दूसरे विधानसभा सीटों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। लेकिन अभी भी यहां की जनता ने कुछ बातों को लेकर नाराजगी दिखती है। 2023 विधानसभा चुनाव के मुद्दों को लेकर जब हमने छिंदवाड़ा की जनता से सवाल किया तो एक स्थानीय मतदाता ने कहा कि यहां का सबसे बड़ा मुद्दा मेडिकल सुविधा का है। जब यहां कमलनाथ की सरकार आई थी तो उन्होंने घोषणा की थी कि मल्टीस्पेशलिटी मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी। लेकिन सरकार बदलने के बाद सारा बजट वापस हो गया। अब मेडिकल कॉलेज अधर मे लटका हुआ है।

एक युवा मतदाता ने कहा कि आक्रोश भरे शब्दों में कहा कि कमलनाथ यहां के 35 सालों से जनप्रतिनिधि है, लेकिन उन्होंने सड़क नहीं बनवा पाया। भाजपा सरकार के समय यहां विकास के काम हुए हैं। ग्रामीण सड़क योजना से गांव से शहरों को जोड़ा जा रहा है। किसानों को अनाज लाने में सुविधा हो गई। वहीं युवाओं का कहना है कि जब से भाजपा की सरकार यहां आई है, तब से भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है। यहां के युवा आज रोजगार के लिए भटक रहे हैं।

जब हमने यहां से छात्राओं से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। गेस्ट टीचरों के भरोसे यहां के यूनिवर्सिटी में पढ़ाई हो रही है। उन्होंने कहा कि यहां के गर्ल्स कॉलेज के बाजू में शराब की दुकान है, जिससे छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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