बड़ी खबर! डीजल-पेट्रोल की गाड़ियां बनाना बंद करने जा रही ये 6 बड़ी कंपनियां, टाटा की यह कंपनी भी शामिल | big news! These 6 big companies are going to stop making diesel-petrol vehicles, this Tata company is also involved

बड़ी खबर! डीजल-पेट्रोल की गाड़ियां बनाना बंद करने जा रही ये 6 बड़ी कंपनियां, टाटा की यह कंपनी भी शामिल

बड़ी खबर! डीजल-पेट्रोल की गाड़ियां बनाना बंद करने जा रही ये 6 बड़ी कंपनियां, टाटा की यह कंपनी भी शामिल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : November 10, 2021/7:56 pm IST

नईदिल्ली। कार्बन उत्सर्जन कम करने के वैश्विक प्रयासों के कारण 6 बड़ी कार कंपनियां आने वाले समय में डीजल-पेट्रोल गाड़ियां (Diesel Petrol Vehicles) बनाना बंद करने जा रही हैं। इन 6 वैश्विक कंपनियों में भारतीय टाटा समूह (Tata Group) की जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) भी शामिल है।

रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन की वॉल्वो (Volvo), अमेरिका की फोर्ड (Ford) और जनरल मोटर्स (General Motors), डायमलर एजी की मर्सिडीज बेंज (Mercedes Benz), चीन की बीवाईडी (BYD) और टाटा मोटर्स (Tata Motors) की जगुआर लैंड रोवर (JLR) ग्लासगो में एक प्लेज साइन करने वाली हैं। यह प्लेज साइनिंग 21वीं सदी के मध्य तक ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) को नियंत्रित करने की मुहिम का हिस्सा है। इसके तहत ये कंपनियां 2040 तक जीवाश्म ईंधनों पर चलने वाले वाहनों का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर देंगी।

ये भी पढ़ें:प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक संपन्न, CM भूपेश के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव पारित, 14 नवंबर से जनजागरण अभियान की शुरुआत

हालांकि इस मुहिम को दुनिया की दो सबसे बड़ी मोटर कंपनियों और शीर्ष बाजारों के शामिल नहीं होने से झटका लगा है। प्लेज से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दुनिया की दो सबसे बड़ी मोटर कंपनियां टोयोटा मोटर कॉर्प (Toyota Motor Corp) और फॉक्सवैगन एजी (Volkswagen AG) इसमें शामिल नहीं हो रही हैं। इसी तरह सबसे बड़े कार बाजारों में शामिल अमेरिका, चीन और जर्मनी भी प्लेज का हिस्सा नहीं बन रहे हैं।

ये भी पढ़ें:रायपुर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया आस्था का महापर्व ‘छठ पूजा’, सांसद सुनील सोनी ने छठ घाट पहुंच कर दी बधाई

सीओपी 26 समिट (COP 26 Summit) के मेजबान ब्रिटेन ने कहा है कि इन 6 कंपनियों के अलावा 4 और देश भी 2040 तक जीरो उत्सर्जन वाली नई कारों व वाहनों की नीति पर सहमत हुए हैं। इनमें न्यूजीलैंड और पोलैंड जैसे देश शामिल हैं। हालांकि अमेरिका और चीन जैसे शीर्ष दो कार बाजारों के इसमें शामिल नहीं होने से इसकी सफलता पर संदेह के बादल मंड़रा रहे हैं।

ये भी पढ़ें:भारत केंद्रित ऑफशोर फंड, ईटीएफ से सितंबर तिमाही में 9.5 करोड़ डॉलर की शुद्ध निकासी

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कार कंपनी स्टेलांटिस (Stellantis), जापान की होंडा (Honda) और निसान (Nissan), जर्मनी की बीएमडब्ल्यू (BMW) और दक्षिण कोरिया की हुंडई (Hyundai) भी साइन नहीं करने वालों में शामिल हैं। राइड हेलिंग कंपनी उबर (Uber) इसका हिस्सा बन सकती हैं। इस मुहिम का उद्देश्य इलेक्ट्रिक कारों व शून्य उत्सर्जन वाले अन्य वाहनों को बढ़ावा देना है।