चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की |

चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की

चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की

:   Modified Date:  May 24, 2024 / 11:41 PM IST, Published Date : May 24, 2024/11:41 pm IST

पटना, 24 मई (भाषा) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ‘‘शिष्टाचार मुलाकात’’ की।

पासवान ने नीतीश से मुलाकात की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर साझा करते हुए कहा, ‘‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार भेंट कर उनका कुशल क्षेम जाना।’’

लोकसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान का नीतीश कुमार को लेकर काफी तल्ख रुख था।

नीतीश से मुलाकात के बाद पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत के दौरान पासवान ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के अभी दो और चरण बाकी हैं, ऐसे में शांत माहौल में यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। मैंने कई सीटों पर जद(यू) उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया है। मैंने वहां की स्थिति के बारे में अपनी जानकारी साझा की और उन्होंने भी क्षेत्र के बारे में जानकारी ली।’’

बिहार की 40 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे अधिक 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जद(यू) ने 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि पांच सीटें पासवान की पार्टी को मिली हैं। इसके अलावा एक-एक सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) चुनाव लड रहे हैं।

पासवान ने कहा कि राजग 2019 से बेहतर प्रदर्शन करेगा जब उसने बिहार में एक सीट को छोड़कर सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘चुनाव खत्म होने के बाद, वे ईवीएम के बारे में टिप्पणी करते नजर आएंगे।’’

राजद नेता तेजस्वी यादव के चुनावी रैलियों में बॉलीवुड गानों की नकल उतारने के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा, ‘‘वह मेरे छोटे भाई की तरह हैं। मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि चुनाव ऐसे हथकंडों के जरिए नहीं बल्कि लोगों का विश्वास जीतकर जीता जा सकता है।’’

पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस आरोप को लेकर उनपर निशाना साधा कि राजग शासन काल के दौरान ‘‘केवल 22 लोग’’ अमीर हुए। पासवान ने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री ने केवल मुट्ठी भर लोगों की परवाह की होती तो 25 करोड़ लोग गरीबी के चंगुल से बाहर नहीं निकलते। वह बहुत हताश हैं क्योंकि तुष्टीकरण की उनकी राजनीति को लोगों ने खारिज कर दिया है।’’

भाषा अनवर आशीष

आशीष

 

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