हिमंत विश्व शर्मा ने प्रधानमंत्री के बारे में टिप्पणी को लेकर तेजस्वी पर किया पलटवार |

हिमंत विश्व शर्मा ने प्रधानमंत्री के बारे में टिप्पणी को लेकर तेजस्वी पर किया पलटवार

हिमंत विश्व शर्मा ने प्रधानमंत्री के बारे में टिप्पणी को लेकर तेजस्वी पर किया पलटवार

:   Modified Date:  May 26, 2024 / 12:30 AM IST, Published Date : May 26, 2024/12:30 am IST

पटना, 25 मई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की प्रधानमंत्री के बारे में टिप्पणी के लिए आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह जिस संविधान की किताब पढ़ते हैं, शायद भारतीय नहीं है।

तेजस्वी ने कहा था कि ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संविधान की बुनियादी जानकारी नहीं है।’ शर्मा ने कहा, ”कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों संविधान की किताब को चीनी संविधान की तरह ‘लाल कवर’ में रखते हैं, जबकि मूल भारतीय संविधान में नीला कवर होता है।’

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ”राजद नेता जो संविधान की किताब पढ़ते हैं वह संभवत: भारतीय नहीं है। क्या वह (तेजस्वी) संविधान के विशेषज्ञ हैं? क्या उनके पास डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट) की डिग्री है।’

शर्मा ने कहा, ”तेजस्वी मोदी जी के बारे में इस तरह की बात कैसे कर सकते हैं, जो पिछले दस साल से इस देश के प्रधानमंत्री हैं और 20 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। वह (तेजस्वी) किस संविधान की बात कर रहे हैं? हमारा संविधान पर्सनल लॉ की इजाजत नहीं देता…हमारा संविधान समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की बात करता है।’’

उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, ‘‘ये लोग चुनावी लड़ाई हार गए हैं। पांचवें चरण का मतदान पूरा होने के बाद राजग ने सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें जीत ली हैं। छठे और सातवें चरण में राजग 400 से अधिक सीटें जीतेगा।’’

असम के मुख्यमंत्री भाजपा के दिवंगत नेता सुशील कुमार मोदी के आवास पर भी गए और शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। सुशील मोदी की पिछले दिनों कैंसर से जूझते हुए मृत्यु हो गई थी।

शर्मा ने दिवंगत भाजपा नेता के घर जाने के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, ‘‘मुझे आदरणीय सुशील मोदी जी के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त है। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। संघर्ष सुशील मोदी के सार्वजनिक जीवन का अहम हिस्सा था। उन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी और जब बिहार पर जंगलराज के बादल मंडरा रहे थे, तब उन्होंने सुशासन के लिए लड़ाई लड़ी।’’

शर्मा ने पोस्ट में कहा, ‘‘अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने संगठन और सरकार की सभी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण से निभाया। उनका निधन भाजपा और बिहार प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है।’’

भाषा अनवर आशीष

आशीष

 

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