नीतीश दूसरी बार हुए भाजपा से अलग, राज्यपाल से करेंगे मुलाकात |

नीतीश दूसरी बार हुए भाजपा से अलग, राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

नीतीश दूसरी बार हुए भाजपा से अलग, राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 03:11 AM IST, Published Date : August 9, 2022/3:58 pm IST

पटना,नौ अगस्त (भाषा) बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होने के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आठ वर्ष में दूसरी बार अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया है और वह आज शाम को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर सकते हैं। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी ।

हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुश्वाहा ने एक ट्वीट करके कुमार को ‘‘नए तरीके के नए गठगंधन’’ की अगुवाई करने के लिए बधाई दी है।

इस ट्वीट से गंठबंधन टूटने और राजद नीत ‘महागठबंधन’ को अपनाने संबंधी बातों को बल मिला है।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शाम चार बजे राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं।

विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन की बैठक पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर बुलाई, जिसमें वाम दल और कांग्रेस ने हिस्सा लिया। कहा जा रहा है कि यहां सभी विधायकों ने कुमार के समर्थन वाले एक पत्र पर हस्ताक्षर किए।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के आवास पर जा कर किसी भी वक्त उन्हें समर्थन का पत्र सौंप सकते हैं।

वहीं जनता दल (यूनाइटेड) के सांसदों और विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग पर हुई। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने विधायकों और सांसदों के साथ हुई बैठक में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें बाध्य किया, क्योंकि उसने पहले चिराग पासवान से विद्रोह कराकर और फिर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को सामने खड़ा करके जदयू को कमजोर करने की कोशिश की।

इसके बाद, सिंह के समर्थकों द्वारा जदयू में विभाजन की अफवाह सामने आयी ।

भाजपा और जदयू दोनों दलों के बीच गत कई महीने से तकरार चल रही है। इन दोनों के बीच कई मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से असहमति देखने को मिली थी जिनमें जातीय आधार पर जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण कानून और सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी ‘‘अग्निपथ’’ योजना शामिल हैं।

भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से सोमवार को कहा, ‘‘यदि जदयू भाजपा से गठजोड़ तोड़ती है और नयी सरकार बनती है तो हम मदद का हाथ बढ़ाएंगे।’’

भट्टाचार्य ने कहा कि जदयू और भाजपा के बीच विवाद (भाजपा अध्यक्ष) जे पी नड्डा के हाल के इस बयान के बाद हुआ कि क्षेत्रीय दलों का ‘‘कोई भविष्य नहीं है।’’

वहीं, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बैठक हुई जिसमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद हैं।

भाजपा से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पार्टी देखेगी कि नीतीश कुमार पहले क्या कदम उठाते हैं।

गौरतलब है कि कुमार वर्ष 2017 में राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौट आए थे। भाजपा के साथ तीन बार सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार वर्ष 2014 में राजग को छोड़ राजद व कांग्रेस के नए महागठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे।

प्रदेश के 242 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 121 विधायकों की आवश्यकता है, राजद के पास सबसे अधिक 79 विधायक हैं, उसके बाद भाजपा के 77 और जद (यू) के पास 44 विधायक हैं।

भाषा शोभना रंजन

रंजन

 

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