प्रधानमंत्री की भाषा में भारी गिरावट आ रही है : राजद ने मोदी की ‘मुजरा’ टिप्पणी पर पलटवार किया |

प्रधानमंत्री की भाषा में भारी गिरावट आ रही है : राजद ने मोदी की ‘मुजरा’ टिप्पणी पर पलटवार किया

प्रधानमंत्री की भाषा में भारी गिरावट आ रही है : राजद ने मोदी की ‘मुजरा’ टिप्पणी पर पलटवार किया

:   Modified Date:  May 25, 2024 / 09:14 PM IST, Published Date : May 25, 2024/9:14 pm IST

पटना, 25 मई (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विपक्षी दल के मुस्लिम वोट बैंक के लिए ‘‘मुजरा’’ करने की टिप्पणी पर शनिवार को कहा कि जैसे-जैसे चुनाव खत्म होने को हैं, प्रधानमंत्री की भाषा में भारी गिरावट आ रही है।

पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यादव ने आरोप लगाया, ‘‘दिन-प्रतिदिन जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे प्रधानमंत्री की भाषा में भारी गिरावट आ रही है। वह ऐसी भाषा बोल रहे हैं, विरोधियों को तो छोड़िए, प्रधानमंत्री के जो समर्थक हैं, उनको भी उनकी भाषा पसंद नहीं आ रही है।’’

मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह बिहार है, लोकतंत्र की जननी है। उनको काम की बात करनी चाहिए थी। हम तो उनसे उम्र में छोटे हैं पर प्रधानमंत्री को संविधान का बुनियादी ज्ञान भी नहीं है। यह लगातार कह रहे हैं कि (विपक्षी गठबंधन सत्ता में आने पर) आरक्षण खत्म करेंगे। जरा प्रधानमंत्री से पूछिए कि हमने पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराए जाने के लिए लगभग पांच बार पत्र लिखा। बिहार विधानसभा का एक शिष्टमंडल उनसे मिलने दिल्ली गया। हमने स्वयं प्रधानमंत्री से (इस बारे में) एक घंटा बात की लेकिन उन्होंने मना कर दिया।’’

राजद नेता ने कहा, ‘‘बुनियादी बात यही है कि जाति आधारित गणना हो, किसकी कितनी आबादी है, उसी के हिसाब से सबको आरक्षण मिलेगा लेकिन उन्होंने तो मना कर दिया, फिर भी हमारी 17 महीने की सरकार ने जाति आधारित गणना कराई और आरक्षण की सीमा बढ़ाई।’’

इससे पूर्व राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बात करते हुए कहा, ‘‘मुझे यह चिंता नहीं कि वे क्या कह रहे हैं, मुझे अब उनकी चिंता हो रही है। कल तक असहमति होती थी, लेकिन अब उनकी चिंता हो रही है। मैंने पहले भी कहा था कि वे अपने वैभव के भ्रम के शिकार हो रहे हैं। जब कोई व्यक्ति यह कहने लगे कि मैं दैविये रास्ते से आया हूं.. वगैरह-वगैरह। आम आदमी अगर ऐसी बात करे तो उसके हितैषी यही कहेंगे कि चिकित्सक को दिखाया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मछली, मटन, मंगलसूत्र और मुजरा.. ये प्रधानमंत्री की भाषा है। झूठ और दिग्भ्रमित करने की बात। जातिगत गणना पर चुप्पी और जब उनसे कहा जाता है कि बिहार में आरक्षण के दायरे को बढ़ाया जाए और आप उसे नौवीं अनुसूचि में डालो, आप चुप्पी साधे रहते हैं। आरक्षण पर दिग्भ्रमित करते हैं।’’

झा ने दावा किया कि मुसलमानों के पिछड़े वर्गों को गुजरात में भी आरक्षण मिल रहा है, जहां भाजपा दशकों से सत्ता में है और मोदी खुद लगातार तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं।

झा ने गुजरात में ओबीसी के रूप में चिह्नित सामाजिक समूहों को मिल रहे आरक्षण को प्रदर्शित करने के लिए कागजों का एक बंडल लहराते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि जिस जाति से प्रधानमंत्री आते हैं, उसका एक मुस्लिम समकक्ष भी है। उन्हें गुजरात में कोटा लाभ मिल रहा है।’’

भाषा अनवर शफीक

शफीक

 

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