#NindakNiyre: कांग्रेस में नए क्राइटेरिया से हड़कंप, 45 से ज्यादा विधायकों की उम्र 50 के पार, अंडर-50 नेताओं की खिली बांछें, देखिए सूची
#NindakNiyre: कांग्रेस ने रायपुर के अधिवेशन में ऐलान किया है कि वह आगामी चुनावों में 50 फीसद सीटों पर 50 साल से कम उम्र के प्रत्याशी उतारेगी। इस लिहाज से देखें तो छत्तीसगढ़ की 90 में 50 फीसद यानि 45 सीटों पर 50 साल से कम उम्र के कांग्रेस नेताओं को पार्टी टिकट देगी।
new Criteria in Congress to become MLA
बरुण सखाजी. सह-कार्यकारी संपादक
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के उम्र वाले फॉर्मूले के बाद कई विधायकों में उथलपुथल है। सरकार में मंत्री समेत तमाम विधायकों में कम संख्या ऐसे लोगों की है जो इस क्राइटेरिया पर फिट हैं। 50 वर्ष से कम आयु वाले लोगों को विधानसभा की 50 फीसद सीटों पर टिकट के ऐलान ने सबके माथे पर बल ला दिया है। ऐसे में यह सवाल जेहन में लाजिमी है कि वे कौन हैं, जिनका राजनीतिक हाजमा इस क्राइटेरिया ने बिगाड़ दिया है।
यह है कांग्रेस का एज-फॉर्मूला
कांग्रेस ने रायपुर के अधिवेशन में ऐलान किया है कि वह आगामी चुनावों में 50 फीसद सीटों पर 50 साल से कम उम्र के प्रत्याशी उतारेगी। इस लिहाज से देखें तो छत्तीसगढ़ की 90 में 50 फीसद यानि 45 सीटों पर 50 साल से कम उम्र के कांग्रेस नेताओं को पार्टी टिकट देगी। अभी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 71 विधायक हैं।
कांग्रेस के सिर्फ 26 का ही टिकट सुरक्षित
उम्र वाले इस क्राइटेरिया से कांग्रेस के 71 में से सिर्फ 26 ही ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 वर्ष या उसके अंदर है। इनमें से 2 मंत्री भी हैं। मान सकते हैं कि इनकी टिकट कम से कम उम्र वाले क्राइटेरिया पर तो नहीं कटेगी, दूसरी वजह हो सकती हैं।
- भरतपुर-सोनहट सीट से विधायक गुलाब कमरो। कमरो 46 साल के हैं। इनका जन्म 1977 का है। इन्होंने यह सीट भाजपा की चंपादेवी पावले से जीती है।
- मनेंद्रगढ़ सीट से डॉ. विनय जायसवाल हैं, जिन्होंने भाजपा के श्याम विहारी जायसवाल को हराया था। इनका जन्म 1974 का है।
- जशपुर नगर से विनय भगत हैं, जिन्होंने 2018 में भाजपा के गोविंद राम भागत को हराया था। इनका जन्म 1977 का है।
- रायगढ़ से प्रकाश नायक हैं, जो पूर्व मंत्री शक्राजीत नायक के बेटे हैं। इन्होंने 2018 में भाजपा के स्वर्गीय रोशन अग्रवाल को हराया था। इनका जन्म 1975 का है।
- सारंगढ़ सीट से उत्तरी गणपत जांगड़े हैं, जिन्होंने 2018 में भाजपा की केरा बाई मनहर को हराया था। इनका जन्म 1985 का है।
- खरसिया सीट से वर्तमान उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल हैं, जिन्होंने भाजपा के ओपी चौधरी को मात दी थी। इनका जन्म 1983 का है। ये पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के बेटे हैं।
- धरमजयगढ़ से एक नाम आता है लालजीत राठिया का, जिनका जन्म 1977 का है। इन्होंने भाजपा की लीनव राठिया को हराया था।
- कटघोरा से भाजपा के लखनलाल देवांगन को हराकर बोधराम कंवर के पुत्र पुरषोत्तम कंवर विधायक हैं। इनका जन्म 1975 का है। ये छत्तीसगढ़ के उन दो आदिवासी विधायकों में हैं, जो सामान्य सीटों से जीतकर पहुंचे हैं। इनमें पहला नाम प्रेमनगर से खेलसाय सिंह का है।
- बिलासपुर सीट से शैलेष पांडेय भी इस अंडर-50 एज वाले विधायकों में हैं। इन्होंने पूर्व मंत्री दिग्गज भाजपा नेता अमर अग्रवाल को हराया था। इनका जन्म 1975 का है।
- चंद्रपुर से एक नाम रामकुमार यादव का है, जिन्होंने बसपा की गीतांजली पटेल को हराया था। ये 1978 की पैदाइश हैं।
- खल्लारी से द्वारिकाधीश यादव हैं, जिनकी उम्र 50 साल है। इन्होंने भाजपा की मोनिका दिलीप साहू को हराया था। इनका जन्म 1973 का है।
- महासमुंद से विनोद सेवन लाल चंद्राकर हैं, जिन्होंने भाजपा के पूनम चंद्राकर को हराया था। इनका जन्म 1975 का है।
- बिलाईगढ़ से चंद्रदेव प्रसाद राय हैं, जिन्होंने भाजपा के श्याम टंडन को हराया था। इनका जन्म 1982 का है।
- कसडोल से शंकुतला साहू हैं, जिन्होंने पूर्व स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल को हराया था। इनका जन्म 1986 का है।
- रायपुर पश्चिम से विकास उपाध्याय हैं, जिन्होंने पूर्व मंत्री राजेश मूणत को हराया था। इनका जन्म 1976 है।
- संजारी बालोद की संगीता सिन्हा भी इस श्रेणी में हैं, इन्होंने भाजपा के पवन साहू को हराया था। इनका जन्म 1975 का है।
- भिलाई सिटी से देवेंद्र यादव भी इसमें शामिल हैं, इन्होंने पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे को हराया था। इनका जन्म 1990 का है। ये विधानसभा में यंगेस्ट एमएलए हैं।
- अहिवारा से सरकार में मंत्री गुरु रुद्रकुमार हैं, जिन्होंने भाजपा के राजमहंत सांवला राम डाहरे को हराया था। इनका जन्म 1977 का है।
- बेमेतरा से आशीष छाबड़ा हैं, जिन्होंने भाजपा के अवधेश सिंह चंदेल को हराया था। इनका जन्म 1981 का है।
- नवागढ़ से गुरुदयाल बंजारे हैं, जिन्होंने पूर्व मंत्री दयालदास बघेल को हराया था। इनका जन्म 1981 का है।
- खैरागढ़ से उपचुनाव में जीती यशोदा वर्मा हैं, जिन्होंने कोमल जंघेल भाजपा को हराया। इनका जन्म 1979 का है।
- पंडरिया से ममता चंद्राकर हैं, जिन्होंने भाजपा के मोतीराम चंद्रवंशी को हराया था। इनका जन्म 1977 का है।
- डोंगगढ़ के भुवनेश्वर बघेल हैं, जिन्होंने भाजपा की सरोजनी बंजारे को हराया था। इनका जन्म 1973 का है।
- खुज्जी से चन्नी साहू हैं, जिन्होंने भाजपा के हीरेंद्र साहू को हराया था। इनका जन्म 1989 का है।
- चित्रकोट से उपचुनाव में जीते राजमन बेंजाम हैं, जो दीपक बैज के सांसद बन जाने से खाली हुई थी। इनका जन्म 1979 का है।
- बीजापुर से विक्रम मंडावी हैं, जिन्होंने पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को हराया। इनका जन्म 1977 का है।
कांग्रेस 45 विधायकों का टिकट खतरे में
सबसे ज्यादा खतरे की घंटी इन पर लटक सकती है। क्योंकि 45 ऐसे लोग हैं, जिनकी उम्र 50 के ऊपर है। इनमें से सीएम समेत 11 मंत्री शामिल हैं। यह सूची बहुत लंबी है। ऐसे में इनके टिकट पर खतरा बना रहेगा। 50 वसंत देख चुके ये 45 कांग्रेस विधायक विधानसभा का वसंत देख पाएंगे या नहीं, कुछ सुनिश्चत नहीं है। इनमें कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं तो वरिष्ठ पदों पर आसीन हैं। बावजूद इसके कांग्रेस अपने अधिवेशन के क्राइटेरिया पर अडिग रही तो 90 में 45 सीटों पर वह 50 उम्र के अंदर वालों को टिकट देगी। जबकि अभी 50 पार वालों की संख्या ही 45 है।
- बैकुंठपुर से अंबिका सिंहदेव, जिनका जन्म 1968 में हुआ था।
- प्रेमनगर से खेलसाय सिंह दो ऐसे आदिवासी विधायक में शामिल जो सामान्य सीट से जीते हैं। इनका जन्म 1947 का है।
- भटगांव से पारसनाथ राजवाड़े, जिनका जन्म 1962 का है।
- प्रतापपुर से मंत्री प्रेमसाय सिंह, जिनका जन्म 1954 का है।
- रामानुजगंज से चर्चाओं में रहने वाले बृहस्पति सिंह हैं, जिनका जन्म 1960 का है।
- सामरी से चिंतामणि महाराज, जिनका जन्म 1968 का है।
- लुंड्रा से डॉ. प्रीतम राम, जिनका जन्म 1959 का है।
- अंबिकापुर से टीएस सिंहदेव हैं, सरकार में मंत्री हैं, जिनका जन्म 1952 का है।
- सीतापुर से अमरजीत भगत हैं, जिनका जन्म 1968 का है।
- कुनकुरी से यूडी मिंज हैं, जिनका जन्म 1965 का है।
- पत्थलगांव से रामपुकार सिंह जिनका जन्म 1937 का है, वे सबसे बुजुर्ग विधायक हैं।
- लैलुंगा से चक्रधर सिंह सिदार हैं, जिनका जन्म 1964 का है।
- कोरबा से जयसिंह अग्रवाल हैं, जो मंत्री भी हैं। इनका जन्म 1963 का है।
- पाली तानाखार से मोहित केरकेट्टा हैं, जिनका जन्म 1965 का है।
- मरवाही उपचुनाव में जीते डॉ. केके ध्रुव हैं, जिनका जन्म 1963 का है।
- तखतपुर से रश्मि सिंह हैं, जिनका जन्म 1964 का है।
- सक्ती से चरणदास महंत हैं, जिनका जन्म 1954 का है।
- सरायपाली से किस्मत लाल नंद हैं, जिनका जन्म 1959 का है।
- बसना से देवेंद्र बहादुर सिंह हैं, जिनका जन्म 1961 का है।
- धरसींवा से अनिता शर्मा हैं, जिनका जन्म 1967 का है।
- रायपुर ग्रामीण से सत्यनारायण शर्मा हैं, जिनका जन्म 1943 का है।
- रायपुर उत्तर के कुलदीप जुनेजा भी इस श्रेणी में हैं, जिनका जन्म 1958 का है।
- आरंग से शिवकुमार डहरिया हैं, जो सरकार में मंत्री हैं, जिनका जन्म 1964 का है।
- अभनपुर से धनेंद्र साहू हैं, जिनका जन्म 1952 का है।
- राजिम से अमितेश शुक्ला हैं, जिनका जन्म 1957 का है।
- सिहावा से डॉ. लक्ष्मी ध्रुव हैं, जिनका जन्म 1964 का है।
- डोंडी-लोहारा से मंत्री अनिला भेंडिया भी 50 पार में शुमार हैं, इनका जन्म 1967 का है।
- गुंडरदेही से कुंवर सिंह निषाद हैं, जिनका जन्म 1971 का है।
- पाटन से विधायक भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं, ये भी 50 पार हैं, इनका जन्म 1961 का है।
- दुर्ग ग्रामीण से ताम्रध्वज साहू मंत्री हैं, इनका जन्म 1949 का है।
- दुर्ग सिटी से अरुण वोरा हैं, जिनका जन्म 1960 का है।
- साजा से रविंद्र चौबे हैं, जो मंत्री भी हैं, इनका जन्म 1957 में हुआ था।
- कवर्धा से मोहम्मद अकबर हैं, जिनका जन्म 1956 में हुआ था। वे मंत्री भी हैं।
- डोंगरगांव से दलेश्वरी साहू हैं, जिनका जन्म 1967 में हुआ था।
- मोहला मानपुर से इंद्राशाह मंडावी हैं, जिनका जन्म 1961 का है।
- अंतागढ़ से अनूप नाग हैं, जिनका जन्म 1955 का है।
- भानूप्रतापपुर उपचुनाव में जीती सावित्री मंडावी हैं, जिनका जन्म 1966 का है।
- कांकेर से शिशुपाल सोरी हैं, जिनका जन्म 1954 का है।
- केशकाल से संतराम नेताम हैं, जिनका जन्म 1972 का है।
- कोंडागांव के विधायक व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम हैं, जिनका जन्म 1967 का है।
- नारायणपुर से चंदन कश्यप हैं, जिनका जन्म 1960 का है।
- बस्तर से लखेश्वर बघेल हैं, जिनका जन्म 1959 का है।
- जगदलपुर सीट से रेखचंद जैन हैं, जिनका जन्म 1964 का है।
- दंतेवाड़ा से उपचुनाव में जीती देवती कर्मा हैं, जिनका जन्म 1962 का है।
- कोंटा के मंत्री कवासी लखमा हैं, जिनका जन्म 1953 का है।
देखेंगे आगे होता है क्या
राजनीति महज कयासों का खेल है। हम यह नहीं कह सकते कि इनके टिकट जरूरी तौर पर कटेंगे, लेकिन जिस क्राइटेरिया का ऐलान किया गया है, उसके मुताबिक कांग्रेस छत्तीसगढ़ की 45 सीटों पर ऐसे राजनीतिक नौजवानों को उतारेगी जिनकी आयु 50 साल से कम है। मतलब साफ है, जिनका प्रदर्शन जरा भी कमजोर है और वे आयु में भी फिट नहीं है तो पार्टी सबसे पहले इन्हीं का पत्ता साफ करेगी। इस साल नंवबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं, टिकटों की कवायद शुरू हो चुकी है, ऐसे में यह क्राइटेरिया किसी को भी चौंका रहा है।

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