CG Kondagaon News: बरसों पुरानी मांग को मिली हरी झंडी, छत्तीसगढ़ शासन ने दी प्रशासनिक स्वीकृति
बरसों पुरानी मांग को मिली हरी झंडी, छत्तीसगढ़ शासन ने दी प्रशासनिक स्वीकृति Years old demand of bypass got green signal in Kondagaon
Years old demand of bypass got green signal in Kondagaon
कोंडागांव। जिला मुख्यालय कोण्डागांव का अधिकांश हिस्सा नेशनल हाईवे 30 के दोनों ओर बसा है। नेशनल हाईवे 30 पर बसे जिला मुख्यालय कोण्डागांव में लगातार यातायात का दबाव बढ़ने लगा है, जिससे कई गंभीर हादसे भी हो चुके हैं। व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्ध जनों और स्थानीय निवासियों ने इस समस्या के निदान के लिए शासन प्रशासन के समक्ष कई सालों से बाईपास का मांग किया है। कई बार कोंडागांव जिला मुख्यालय के लिए बाईपास की स्वीकृति तो की गई लेकिन यह केवल चुनावी घोषणा बनकर रह गया, लेकिन मौजूदा छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने इस बाईपास निर्माण के लिए हरी झंडी दिखाते हुए प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है।
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छत्तीसगढ़ शासन से 8.89 किमी की बाईपास निर्माण के लिए 77 करोड़ रुपये का प्रशासनिक स्वीकृति दिए जाने से अब इसका निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ होने की आसार दिखाई देने लगे हैं। कोंडागांव जिला मुख्यालय सिमगा से कोंटा तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 पर बसा है, जो कि बस्तर की जीवन रेखा के रूप में जाना जाता है। यह बस्तर संभाग को राज्य की राजधानी से जोडने के साथ सभी संसाधन भी उपलब्ध कराती है। जिससे इस मार्ग पर लगातार भारी मालवाहक वाहनों की आवाजाही बनी रहती है।
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कोंडागांव मुख्यालय में जिले की 10-15 प्रतिशत आबादी रहती है। ऐसे में सघन बसाहट के मध्य से लगातार भारी वाहनों के आने जाने से हादसों की संभावना बनी रहती है। ऐसे में शासन द्वारा हादसों की संभावनाओं को कम करने के उद्देश्य से कोण्डागांव नगर लिए बाईपास सड़क का निर्माण किया जा रहा है। नगर की सघन आबादी से अलग नारंगी नदी के पुल के पास से शुरू होकर निर्माणाधीन नवीन बस स्टैंड के पास जाकर नेशनल हाइवे 30 पर पुनः मिल जाएगी।
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इस बाईपास सड़क की लंबाई 8.89 किमी होगी। इसके निर्माण के लिए 77 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस सड़क को बनाने के लिए 9 हेक्टेयर वन भूमि का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके लिए सभी आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कर अनुमति प्राप्त कर ली गयी हैं। इससे नगर के बीच की 8 किमी सड़क को हादसों की आशंका से बचाया जा सकेगा, जो राष्ट्रीय राजमार्ग के भारी वाहनों की आवाजाही से मुक्त हो जाएगा। इस सड़क का निर्माण कार्य 2 वर्षों में पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए जमींन अधिग्रहण एवं कार्ययोजना निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा और निर्माण प्रारम्भ हो जाएगा। IBC24 से अन्जय यादव की रिपोर्ट

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