7th Pay Commission: सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत, निजी अस्पताल में इलाज पर भी मिलेगा ‘मेडिक्लेम’

7th Pay Commission: सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत, निजी अस्पताल में इलाज पर भी मिलेगा 'मेडिक्लेम'

7th Pay Commission: सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत, निजी अस्पताल में इलाज पर भी मिलेगा ‘मेडिक्लेम’
Modified Date: November 29, 2022 / 08:17 pm IST
Published Date: February 21, 2021 8:59 am IST

7th CPC News: सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी राहत मिलेगी, एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि आपातकाल के दौरान इलाज के लिए एक निजी अस्पताल को चुनने के कारण किसी सरकारी कर्मचारी को मेडिक्लेम के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने शनिवार को अपने फैसले में कहा कि एक कर्मचारी या एक पेंशनभोगी को नेटवर्क अस्पताल से बाहर इलाज करवाने के कारण मेडिक्लेम देने से मना करना सही नहीं है। 

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एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी केंद्र सरकार के कर्मचारी को सेवा के दौरान या सेवानिवृत्ति के बाद रिम्बर्समेंट से केवल इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योकि उसने CGHS लिस्ट में शामिल अस्पताल से इलाज नहीं करवाया है। जस्टिस आरके अग्रवाल और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा, “राइट टू मेडिकल क्लेम को केवल इसलिए अस्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि अस्पताल का नाम सरकारी आदेश में शामिल नहीं है।” 

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हालांकि कोर्ट ने कहा कि सरकार को यह सत्यापित करना चाहिए कि कर्मचारी या पेंशनर द्वारा किया जा रहा दावा प्रमाणित डॉक्टर या अस्पताल के रिकॉर्ड में है या नहीं, सरकार यह भी सत्यापित कर सकती है कि संबंधित कर्मचारी या पेंशनर ने वास्तव में इलाज करवाया है या नहीं, इन तथ्यों के आधार पर एक कर्मचारी या पेंशनभोगी को मेडिक्लेम देने से इनकार किया जा सकता है। 

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शीर्ष कोर्ट का यह आदेश एक रिटायर्ड केंद्र सरकार के अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर आया है, दरअसल रिटायर्ड अधिकारी ने दो निजी अस्पतालों से इलाज करवाया था और मेडिकल बिलों के रिम्बर्समेंट की मांग की थी। 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com