रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में शेयर बिक्री की सभी प्रक्रियाओं का हुआ पालन: चेयरपर्सन |

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में शेयर बिक्री की सभी प्रक्रियाओं का हुआ पालन: चेयरपर्सन

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में शेयर बिक्री की सभी प्रक्रियाओं का हुआ पालन: चेयरपर्सन

:   Modified Date:  May 28, 2024 / 07:52 PM IST, Published Date : May 28, 2024/7:52 pm IST

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लि. की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा ने बर्मन परिवार के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया का पालन और निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ शेयर बेचे गये थे।

बर्मन परिवार ने इस महीने की शुरुआत में सलूजा के खिलाफ भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन को लेकर ताजा शिकायतें की। उनका वित्तीय सेवा कंपनी के अधिग्रहण को लेकर रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के साथ विवाद चल रहा है।

शेयर बाजारों को पिछले महीने दी गयी सूचना के अनुसार, सलूजा ने 26 मार्च को 6.18 लाख शेयर, 27 मार्च को 6.70 लाख शेयर और 28 मार्च को 7.21 लाख शेयर बेचे। इस लेनदेन के बाद रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) में सलूजा की हिस्सेदारी 1.23 प्रतिशत से घटकर 0.81 प्रतिशत पर आ गयी।

सलूजा ने कहा, ‘‘मैंने अखबार में जो पढ़ा है, वह सब आधारहीन है। प्रस्ताव को निदेशक मंडल और नामांकन और पारिश्रमिक समिति (एनआरसी) से मंजूरी मिली थी। निदेशक मंडल और स्वतंत्र सदस्यों ने नियमों के तहत प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसलिए नियमों के उल्लंघन का कोई सवाल ही नहीं है।’’

बर्मन की चार इकाइयों – एमबी फिनमार्ट, पूरन एसोसिएट्स, वीआईसी एंटरप्राइजेज और मिल्की इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी – के माध्यम से रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने 25 सितंबर, 2023 को सार्वजनिक शेयरधारकों से 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक खुली पेशकश की घोषणा की।

कुल 2,116 करोड़ रुपये की खुली पेशकश योजना को लेकर आरईएल प्रबंधन और बर्मन के बीच विवाद पैदा हुआ। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाये।

बर्मन परिवार ने पिछले साल सलूजा पर 12.9 लाख शेयर बेचने का आरोप लगाते हुए सेबी से शिकायत की थी। उनका कहना था कि परिवार के एक प्रतिनिधि ने उन्हें कंपनी का नियंत्रण हासिल करने के लिए खुली पेशकश के बारे में बताया था। उसके बाद उन्होंने शेयर बेचे।

सलूजा ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के प्रदर्शन के बारे में कहा कि कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और रेटिंग एजेंसियों ने भी साख में सुधार के जरिये इसकी पुष्टि की है।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एकीकृत राजस्व 6,299 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। वहीं इस दौरान कर पूर्व लाभ 217 करोड़ रुपये रहा जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

सलूजा ने कहा कि कुछ चुनौतियों के बावजूद, आरईएल लगातार वृद्धि के रास्ते पर है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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