केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, देश के 6.4 लाख गांवों में तेज होगा इंटरनेट, 1.39 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी

internet will be faster in villages: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतनेट परियोजना के अंतर्गत 6.4 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड संपर्क से जोड़ने के लिए 1.39 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है।

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, देश के 6.4 लाख गांवों में तेज होगा इंटरनेट, 1.39 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी
Modified Date: August 5, 2023 / 07:12 pm IST
Published Date: August 5, 2023 7:08 pm IST

internet will be faster in villages: नई दिल्ली। देश के हर इलाके में इंटरनेट सेवाओं की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतनेट परियोजना के अंतर्गत 6.4 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड संपर्क से जोड़ने के लिए 1.39 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है। मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल भारतनेट परियोजना के अंतर्गत 1.94 लाख गांवों को जोड़ा जा चुका है और शेष गांवों को ढाई साल में जोड़ने का प्रयास जारी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार “मंत्रिमंडल ने शुक्रवार शाम को हुई बैठक में देश के सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर आधारित कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए 1,39,579 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है” अंतिम छोर तक संपर्क बीएसएनएल की शाखा भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) ग्राम स्तरीय उद्यम (वीएलई) के साथ मिलकर उपलब्ध कराएगी। स्थानीय उद्यमियों की मदद से फाइबर को घर-घर पहुंचाने के मॉडल को एक प्रायोगिक परियोजना के सफल समापन के बाद अंतिम रूप दिया गया”

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इस परियोजना के तहत घरों को जोड़ने के लिए आवश्यक उपकरण और अतिरिक्त फाइबर बीबीएनएल द्वारा प्रदान किए जाते हैं, और स्थानीय उद्यमियों को नेटवर्क के रखरखाव का काम सौंपा गया है। बताया गया है लगभग 60,000 गांवों के लिए चलाई गई प्रायोगिक परियोजना में लगभग 3,800 उद्यमी शामिल थे, जिन्होंने 3.51 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराए। प्रति घर औसत डेटा खपत प्रति माह 175 गीगाबाइट दर्ज की गई है” यह परियोजना बीबीएनएल और वीएलई के बीच 50 प्रतिशत राजस्व-साझाकरण के आधार पर शुरू की जा रही है, और मासिक ब्रॉडबैंड योजना की कीमत 399 रुपये से शुरू होती है।

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सूत्रों के अनुसार, देशभर में ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) की 37 लाख रूट किलोमीटर (आरकेएम) फैली हुई है, जिसमें से बीबीएनएल ने 7.7 आरकेएम बिछाई है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन ने ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाना शुरू कर दिया है जहां लोगों ने वैश्विक डॉक्टरों की मदद से इलाज कराना शुरू कर दिया है, कुछ व्यवसायियों ने यूट्यूब पर ट्यूटोरियल प्रदान करना शुरू कर दिया है, परिवार प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी पर पैसे बचा रहे हैं, और कई अन्य उपयोग के मामले सामने आ रहे हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com