चीन ने भारतीय रसायन पर डंपिंग रोधी शुल्क पांच साल के लिए और बढ़ाया |

चीन ने भारतीय रसायन पर डंपिंग रोधी शुल्क पांच साल के लिए और बढ़ाया

चीन ने भारतीय रसायन पर डंपिंग रोधी शुल्क पांच साल के लिए और बढ़ाया

:   Modified Date:  February 7, 2024 / 06:31 PM IST, Published Date : February 7, 2024/6:31 pm IST

बीजिंग, सात फरवरी (भाषा) चीन ने भारत से आयातित ‘ओ-क्लोरो-पी-नाइट्रोएनिलीन’ रसायन पर अगले पांच साल तक डंपिंग रोधी शुल्क बरकरार रखने का फैसला किया है। वाणिज्य मंत्रालय (एमओएफसीओएम) की ओर से सोमवार को यहां की गई घोषणा के अनुसार, शुल्क को 13 फरवरी से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा। चीन ने पहली बार 12 फरवरी, 2018 को 31.4-49.9 प्रतिशत की दर से पांच साल के लिए यह शुल्क लगाया था। सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, एमओएफसीओएम की जांच में पाया गया कि भारत के पास इसकी मजबूत उत्पादन क्षमता है। इसकी अत्यधिक क्षमता है। इसका दो-तिहाई हिस्सा विदेशी बाजारों में निर्यात पर निर्भर है। इस रसायन का इस्तेमाल मुख्य रूप से रंगों में किया जाता है। मंत्रालय के अनुसार, भारत ने 2018 और सितंबर 2022 के बीच भी चीन को डंपिंग के जरिये ‘ओ-क्लोरो-पी-नाइट्रोएनिलिन’ का निर्यात किया। इससे चीनी उद्यमों को अस्थिर उत्पादन और संचालन की स्थिति में डाल दिया …

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में चीन के खिलाफ सबसे अधिक डंपिंग रोधी जांच जारी है। भारत ने पिछले साल सितंबर के अंत में 10 दिन के भीतर चीन के खिलाफ 13 डंपिंग रोधी जांच शुरू की, जबकि चीन ने 1995 से 2023 तक मुख्य रूप से रासायनिक क्षेत्र में भारत के खिलाफ केवल 12 डंपिंग रोधी जांच शुरू की हैं। सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए देशों द्वारा डंपिंग रोधी जांच की जाती है। पूर्वी लद्दाख सैन्य गतिरोध पर द्विपक्षीय तनाव के बावजूद भारत-चीन व्यापार लगातार ऊंचा बना हुआ है। पिछले साल कुल व्यापार बढ़कर रिकॉर्ड 136.2 अरब डॉलर हो गया। भाषा निहारिका अजयअजय

 

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