नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को झरिया मास्टर प्लान के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। सलाहकार समिति की बैठक में सांसदों ने भाग लिया।
प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि राष्ट्रीयकरण से पहले अवैज्ञानिक खनन के कारण झारखंड के झरिया कोयला क्षेत्र के खनन वाले इलाकों में आग लगने और धंसने की समस्या सामने आती थी। अब यह क्षेत्र कोल इंडिया की एक इकाई भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के पट्टे वाले क्षेत्रों में आता है।
झरिया में आग लगने, धंसने और पुनर्वास की समस्या से निपटने के लिए 12 अगस्त, 2009 को भारत सरकार द्वारा एक मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई थी। जिसमें 10 वर्ष की कार्यान्वयन अवधि और दो वर्ष की पूर्व-कार्यान्वयन अवधि थी।
कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कार्यान्वयन की अवधि अगस्त, 2021 में समाप्त हो गई।’’
भाषा कृष्ण अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)