सेज में कार्यरत इकाइयों के लिये कुछ पाबंदियों में ढील देने पर विचार: गोयल |

सेज में कार्यरत इकाइयों के लिये कुछ पाबंदियों में ढील देने पर विचार: गोयल

सेज में कार्यरत इकाइयों के लिये कुछ पाबंदियों में ढील देने पर विचार: गोयल

:   Modified Date:  November 8, 2023 / 05:25 PM IST, Published Date : November 8, 2023/5:25 pm IST

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में काम करने वाली इकाइयों के लिये कुछ पाबंदियों में ढील देने पर विचार कर रही है। इस पहल का मकसद सेज की वृद्धि को बढ़ावा देना है।

भारत में सेज को व्यापार और सीमा शुल्क के लिए विदेशी क्षेत्र माना जाता है। इसमें शुल्क मुक्त घरेलू बिक्री पर पाबंदी होती है।

गोयल ने यहां उद्योग मंडल के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम सेज इकाइयों पर इन प्रतिबंधों में से कुछ को उदार बनाने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं। यह विचाराधीन है। हम सभी संबंधित पक्षों के साथ इसपर चर्चा कर रहे हैं। उम्मीद है कि इससे सेज इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा।’’

उन्होंने निर्यात उत्पादों पर शुल्क या करों में छूट (आरओडीटीईपी) की योजना का लाभ सेज इकाइयों को देने की उद्योग की मांग के संबंध में कहा कि मंत्रालय इस बारे में ‘सावधानीपूर्वक’ कदम उठाएगा।

गोयल ने कहा, ‘‘ जब हमें पूरा भरोसा हो जाएगा कि इससे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन नहीं होगा, हम इसपर विचार करेंगे।’’

इन क्षेत्रों में निर्यात का सबसे बड़ा क्षेत्र पेट्रोलियम उत्पाद और सॉफ्टवेयर हैं।

सेज में काम कर रही कंपनियां सरकार से आग्रह कर रही हैं कि उन्हें शुल्क-मुक्त एफटीए आयात के समान वर्तमान में लागू आयात शुल्क का भुगतान किये बिना घरेलू शुल्क क्षेत्रों या घरेलू बाजारों में अपने उत्पाद बेचने की अनुमति दी जाए।

देश के निर्यात में सेज का योगदान महत्वपूर्ण है। वित्त वर्ष 2022-23 में सेज से कुल निर्यात 155.8 अरब डॉलर रहा था। इनमें 61.6 अरब डॉलर डॉलर का वस्तु निर्यात और 94.2 अरब डॉलर का सेवा निर्यात शामिल है।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

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