इकोजेन के सौरचालित शीतभंडार गृहों से महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी किसानों को मिली बड़ी राहत
इकोजेन के सौरचालित शीतभंडार गृहों से महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी किसानों को मिली बड़ी राहत
नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में छोटे पैमाने पर स्ट्रॉबेरी उत्पादन करने वाले किसानों को अपनी फसल को संरक्षित करने के लिए पोर्टेबल सौर ऊर्जा चालित कोल्ड रूम (शाीत भंडार कक्ष) किराये पर लेने के बाद लाभ मिल रहा है। कृषि-स्टार्ट अप कंपनी, इकोजेन ने बुधवार को यह जानकारी दी।
महाबलेश्वर भारत की स्ट्रॉबेरी की राजधानी मानी जाती है। जिले में सिर्फ 10,000 के लगभग लोग रहते हैं, लेकिन देश के स्ट्रॉबेरी उत्पादन के लगभग 85 प्रतिशत हिस्से का उत्पादन करते हैं। यहां लगभग 20,000 टन फल हर साल पैदा होता है।
इकोजेन के अनुसार, क्षेत्र के किसानों को इस साल की शुरुआत में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा जब लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण बाजार बंद रहे और उपभोक्ताओं के खर्च सीमित हो गये। स्थानीय पर्यटन और आइसक्रीम की मांग – दोनों ही स्ट्रॉबेरी किसानों के लिए अवसर पैदा करती हैं – भी बुरी तरह प्रभावित हुई।
इकोजेन ने एक बयान में कहा, ‘‘महाबलेश्वर में, किसानों को लगभग 27 लाख डॉलर (लगभग 20 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ क्योंकि वे घरेलू बाजार में अपनी उपज को संरक्षित करने और बेचने या इसे निर्यात करने में असमर्थ थे।’’
बयान में कहा गया है कि लेकिन इकोज़ेन द्वारा बनाए गए तीन पोर्टेबल सौर ऊर्जा चालित शीत कक्ष के आगमन ने जिले के छोटे किसानों को मुंबई और पुणे के बड़े शहरों के साथ-साथ बेंगलुरु, कोच्चि और चेन्नई के आगे के बाजारों में मांग को पूरा करने की स्थिति पैदा कर दी है।
इसके अलावा, पुणे स्थित इकोजेन अब इस क्षेत्र के 100 किसानों के साथ काम कर रही है। इसने भिल्लर गांव में एक ‘इको-कनेक्ट स्ट्रॉबेरी कलेक्शन सेंटर’ भी शुरू किया है, जो स्ट्रॉबेरी किसानों को लाभ पहुंचाने वाले कोल्ड चेन का विस्तार करता है।
डिजिटल तकनीक, इकोजेन और उनके ग्राहकों को यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि स्ट्रॉबेरी को यथासंभव बेहतर स्थिति में रखा जाए।
इकोजेन के सीईओ और सह-संस्थापक देवेंद्र गुप्ता ने कहा, ‘‘हमें ऐसे महत्वपूर्ण समय में स्ट्रॉबेरी किसानों का समर्थन करने में प्रसन्नता हो रही है। पूरे भारत और उसके बाहर, कोल्ड चेन की कमी ग्रामीण विकास के लिए एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवर्तन से तापमान में वृद्धि होने से, समस्या और बदतर होगी। हमारी तकनीक सभी प्रकार के उत्पादकों और उत्पादकों के लिए सुरक्षा और नए अवसर लाती है।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय

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