नई दिल्ली। एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने कंपनियों को पीएफ के मामले में छूट देने का निर्णय लिया है, अब कर्मचारी का पीएफ (PF) काटने के बाद हर महीने कंपनी की तरफ से पीएफ का योगदान देने की जरूरत नहीं होगी। कुछ समय बाद कंपनी अपने हिस्से का योगदान दे सकेंगी, केंद्र सरकार ने इसकी जानकारी दी है।
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जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने फिलहाल कंपनियों को कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं करने की छूट दी है लेकिन कंपनियों को हर महीने ECR रिटर्न जरुर भरना होगा। बता दें कि ECR (इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न) सभी कंपनियों को हर महीने भरना पड़ता है, एंप्लॉयी अपनी तरफ से पीएफ में हर महीने 12% का योगदान देता है और कंपनी अपनी तरफ से 12 % का योगदान देती है। इस तरह यह दोनों योगदान मिलकर 24 परसेंट होता है। इसे हर महीने ईपीएफओ के पास जमा करना पड़ता है और साथ ही इसे ECR में भर कर जमा किया जाता है।
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दरअसल, ECR भरने से ये पता चलेगा कि कंपनी डिफाल्ट नहीं करेगी, क्योंकि ECR भरने से ये रिकॉर्ड में रहेगा कि कंपनी हर महीने कर्मचारी का पीएफ काट रही है, जितना काट रही है उतना ही हिस्सा अपनी तरफ से जमा करने की मंशा भी रखती है। इससे कोरोना से निपट रही कंपनियों की वित्तीय हालत भी खराब नहीं होगी और कर्मचारियों को पीएफ का फायदा भी मिलता रहेगा।
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इसके पहले यदि तीन महीने ECR रिटर्न के साथ कर्मचारी और खुद का पैसा जमा न भरो तो कंपनी को पीएफ डिफाल्टर माना जाता है, लेकिन अब कंपनी को जो छूट मिल रही है उसमें हर महीने कंपनी को अपने हिस्से का पीएफ जमा करने में देरी होने पर भी उस पर पेनाल्टी नहीं लगेगी और डिफाल्टर का टैग भी जल्द नही लगेगा।
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