किसानों ने कृषि ढांचागत कोष का काफी कम लाभ उठाया है : कृषि राज्यमंत्री |

किसानों ने कृषि ढांचागत कोष का काफी कम लाभ उठाया है : कृषि राज्यमंत्री

किसानों ने कृषि ढांचागत कोष का काफी कम लाभ उठाया है : कृषि राज्यमंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : March 9, 2022/9:29 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बुधवार को कहा कि किसानों में जागरूकता पैदा करने के बावजूद सरकार के पिछले साल के एक लाख करोड़ रुपये के कृषि ढांचागत कोष से केवल 8,000 करोड़ रुपये का लाभ उठाया गया। उन्होंने किसान समुदाय से इस योजना का लाभ लेने का आह्वान किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित तीन दिन के वार्षिक ‘कृषि मेला’ में अपने उद्घाटन भाषण में मंत्री ने किसानों को खेती को लाभदायक बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाए गए इस कोष और अन्य योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। .

चौधरी ने शहरी उपभोक्ताओं को कृषि उपज के प्रत्यक्ष विपणन के लिए ‘पूसा कृषि हाट परिसर’ का भी अनावरण किया। किसान उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए दो एकड़ के इस परिसर में 60 स्टॉल का प्रावधान है। वर्ष 2020 में स्थापित कृषि-ढांचागत कोष का उद्देश्य ब्याज सहायता और वित्तीय सहायता के माध्यम से फसल-पश्चात प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए लाभप्रद परियोजनाओं में निवेश को वर्ष 2025-26 तक मध्यम से दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा प्रदान करना है।चौधरी ने कहा कि खेती को लाभदायक बनाने और कृषक समुदाय की आय में सुधार के लिए पीएम-किसान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित स्वामीनाथन समिति की सभी सिफारिशों को लागू किया है। चौधरी ने कहा, ‘‘सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि किसान खेती से लाभ कमाएं। नतीजतन, कृषि बजट को बढ़ाकर अब 1,32,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि वर्ष 2013 से पहले यह सिर्फ 23,000 करोड़ रुपये था।’’ मंत्री ने पांच किसानों को आईएआरआई साथी किसान पुरस्कार भी प्रदान किए। इनमें जगदीश रेड्डी यनमल्ला (आंध्र प्रदेश), जगपाल सिंह पोगड (हरियाणा), राव गुलाब सिंह लोधी (मध्य प्रदेश), गुरमीत सिंह (पंजाब) और गंगाराम शेरपथ, (राजस्थान) शामिल हैं। मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से प्रगतिशील किसानों, महिला उद्यमियों और स्टार्टअप इकाइयों ने भाग लिया। इस अवसर पर आईसीएआर के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र, आईएआरआई के निदेशक अशोक कुमार सिंह, एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु भी उपस्थित थे।भाषा राजेश राजेश अजयअजय

 

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