नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) सरकार का कुल सकल ऋण अप्रैल-जून तिमाही में तिमाही आधार पर 2.2 प्रतिशत बढ़कर 159.53 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
मार्च के अंत में सरकार पर कुल सकल कर्ज 156.08 लाख करोड़ रुपये था।
वित्त मंत्रालय की अप्रैल-जून 2023 तिमाही की सार्वजनिक ऋण प्रबंधन रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में सरकार की कुल सकल देनदारियां एक तिमाही पहले की तुलना में 2.2 प्रतिशत बढ़ गईं। आलोच्य तिमाही में सार्वजनिक ऋण सकल देनदारियों का 89.5 प्रतिशत था।
रिपोर्ट कहती है कि सरकार की अलग-अलग अवधि वाली बकाया प्रतिभूतियों में से लगभग 26.6 प्रतिशत की शेष परिपक्वता अवधि पांच वर्ष से कम है।
वित्त मंत्रालय के बजट प्रभाग का सार्वजनिक ऋण प्रबंधन प्रकोष्ठ (पीडीएमसी) अप्रैल-जून 2010-11 से ही नियमित आधार पर ऋण प्रबंधन पर एक त्रैमासिक रिपोर्ट जारी करता है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केंद्र सरकार ने दिनांकित प्रतिभूतियों के जारी/ निपटान के जरिये 4.08 लाख करोड़ रुपये की सकल राशि जुटाई जो समायोजन के बाद 2.71 लाख करोड़ रुपये रही।
आलोच्य तिमाही में निर्गमों का भारांश औसत प्रतिफल 7.13 प्रतिशत रहा जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह 7.34 प्रतिशत था। निर्गम की भारांश औसत परिपक्वता जून तिमाही में 17.58 वर्ष रही जो मार्च तिमाही में 16.58 वर्ष थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, द्वितीयक बाजार में लेनदेन सौदे इस तिमाही में सात से 10 साल की परिपक्वता अवधि वाले निर्गमों पर केंद्रित रही।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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