मुंबई, 16 मई (भाषा) प्रवेश स्तर की कारों के संभावित खरीदार खरीद का फैसला टाल रहे हैं। क्रिसिल ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आय प्रभावित होने से ऐसा हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियम खंड की कारों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि समृद्ध खरीदारों की आय मजबूत बनी हुई है। इसी तरह अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत बनी रहेगी।
प्रीमियम खंड में 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली कारें आती हैं, जबकि 70,000 रुपये से अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहन उच्च कीमत श्रेणी में आते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति-श्रृंखला के मुद्दों ने वाहन विनिर्माताओं के एक हिस्से को प्रभावित किया है।
भारत में आमतौर पर पहली बार कार खरीदने वाले ग्राहक कम कीमत वाली गाड़ी खरीदते हैं।
क्रिसिल ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में प्रीमियम खंड की कारों की बिक्री सस्ती कारों के मुकाबले पांच गुना तेजी से हुई। इनकी वार्षिक वृद्धि दर 38 प्रतिशत रही, जबकि सस्ती कारों की बिक्री में लगभग सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
नतीजतन, प्रीमियम कारों की बाजार हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर लगभग 30 प्रतिशत हो गई, जो 2020-21 में 25 प्रतिशत थी।
भाषा पाण्डेय अजय
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