नई दिल्ली: इनकम टैक्स वो शब्द है, जिसे सुनकर मोटी कमाई करने वालों के हाथ पांव फूलने लगते हैं। ऐसा इसलिए भी है कि कहीं कुछ बातें छिपाने के चलते आयकर कार्यालय के चक्कर न काटना पड़ जाए। वहीं, शार्ट कट से पैसे कमाने वालों को भी इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं उनके खाते पर आयकर की नजर तो नहीं है। लेकिन अब आप चिंता छोड़ दीजिए क्योंकि आज हम ऐसी जानकारी देने वाले हैं, जो आपको इनकम टैक्स से जुड़े भ्रम से बचा सकता है। तो सबसे पहले जान लीजिए कि आयकर के दायरे में कौन – कौन और क्या – क्या चीजें आती हैं?
देश का प्रत्येक वह व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से ज्यादा है तो वह इनकम टैक्स के दायरे में आता है। हालांकि, यह आय के स्रोत के प्रकार पर निर्भर करता है कि वह दायरे में आती है या नहीं।
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संस्थाओं से मिले तोहफों पर भी छूट
किसी व्यक्ति स्थानीय प्राधिकरण जैसे ग्राम पंचायत, नगर पालिका, नगरीय निकाय समितियों और जिला बोर्ड या कैंटोनमेंट बोर्ड से मिले तोहफे।सेक्शन-10 (23C) में निर्दिष्ट किसी फंड / संस्था / विश्वविद्यालय या अन्य शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल या अन्य किसी संस्थान से मिले तोहफे।सेक्शन-12ए या 12एए के तहत पंजीकृत किसी चैरिटेबल ट्रस्ट या धार्मिक संस्था से मिले तोहफे भी कर मुक्त श्रेणी में आते हैं।
एनआरई सेविंग/एफडी अकाउंट का ब्याज
भारत में एनआरआई को एनआरई (नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल) खाते पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है। एनआरई बचत खाता और एनआरई एफडी दोनों तरह के खातों पर मिलने वाला ब्याज भी कर मुक्त है।
कृषि से आय
भारत सरकार ने कृषि से आय को पूरी तहर आयकर से छूट दी है। यानि खेती किसानी से होने वाली आय पर आपको इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
ईपीएफ
ईपीएफ के मामले में भी अगर व्यक्ति लगातार पांच साल की नौकरी के बाद अगर ईपीएफ की राशि निकालता है तो वह कर मुक्त रहती है।
पीपीएफ
वहीं, अगर पीपीएफ राशि और पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में निवेश की गई रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज एवं मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाली राशि तीनों कर मुक्त होती हैं।
लाभांश
अगर आप किसी कंपनी में पार्टनर हैं तो आपको लाभांश से होने वाली आय का टैक्स नहीं चुकाना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले ही कंपनी की आय पर आप कर का भुगतान कर चुके होते हैें। आपको यह भी बता दें कि कंपनी से मिलने वाली राशि पर आपको टैक्स का भुगतान करना होता है।
शैक्षणिक छात्रवृत्ति को भी छूट
सरकार ने शिक्षण कार्य के लिए मिलने वाली रकम को भी टैक्स के दायरे से बाहर रखा है। यानि अगर आप किसी निजी संगठन से स्टडी या रिसर्च कर रहे हैं और उसके लिए आपको स्कॉलरशिप मिलती है तो कर का भुगतान नहीं करना होगा।
ग्रेच्युटी की राशि
कोई व्यक्ति किसी संस्थान में लगातार पांच साल काम करने के बाद उसे ग्रेच्युटी राशि मिलती है। यह राशि कर मुक्त आय में आती है। सरकारी कर्मचारियों के लिए 20 लाख रुपए तक की ग्रैच्युटी कर मुक्त आय में शामिल होती है। वहीं, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को महज 10 लाख रुपए तक की ग्रैच्युटी राशि कर मुक्त आय में शामिल होती है।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति राशि
वहीं, सरकारी कर्मचारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने पर मिलने वाली राशि में पांच लाख रुपए तक की राशि कर मुक्त होती है।
तोहफे
आपको जो तोहफे प्राप्त होते हैं वे इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। इनकम टैक्स लॉ, 1961 के सेक्शन-56 (2)(x) के तहत आयकर दाता को मिले तोहफों पर टैक्स लगता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में तोहफों पर भी छूट मिलती है। जैसे … शादी के वक्त मिले तोहफो पर टैक्स नहीं देना पड़ता। लेकिन ये तोहफे चल-अचल किसी भी स्वरूप में 50 हजार रुपये की कीमत से ज्यादा के न हो। तोहफे और शादी की तारीख में जयादा दिन का अंतर न हों। इनसे मिले बेशकीमती तोहफे भी कर मुक्त हैं … इनमें पति या पत्नी, भाई या बहन, पति या पत्नी के भाई या बहन से मिले तोहफे। माता-पिता के भाई या बहन, विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति। पति या पत्नी के किसी नजदीकी पूर्वज या वंशज से मिला हुआ तोहफा। संयुक्त हिंदू परिवार में किसी भी सदस्य की ओर से दिए गए तोहफे।
पारिवारिक आय पर मिलती है छूट
भारत में आयकर कानून के सेक्शन-10 (2) के तहत अविभाजित हिंदू परिवार से विरासत के रूप में मिली राशि भी कर मुक्त होती है। छूट के दायर में माता पिता से मिला पैसा, जेवर और प्रापर्टी को शामिल किया गया है। पारिवारिक विरासत में मिली संपत्ति, गहने या नकद राशि टैक्स के दायरे से बाहर है। लेकिन आपको बता दें कि वसीयत से मिलने वाली राशि, या प्रापर्टी को टैक्स में छूट नहीं दी गई है। हालांकि, करदाता को साबित करना होगा कि संबंधित रकम या संपत्ति उसे खानदानी विरासत में मिली है। वहीं, वसीयत में मिली राशि को निवेश कर की गई कमाई, संपत्ति से कमाई पर टैक्स देना होगा।