(कुमार दीपांकर)
नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) भारत को दो अंकीय वृद्धि दर हासिल करने के लिए भूमि और श्रम जैसे कारक बाजार सुधारों पर ध्यान देने की जरूरत है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने यह बात कही है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘इस बात को लेकर चिंताएं हैं कि भारत में बेरोजगारी के औपचारिक क्षेत्र में भूमि और श्रम जैसे बुनियादी कारक बाजार का आकार अभी भी छोटा है। इसलिए, आप वास्तव में उन्हें औपचारिक बनाना चाहते हैं।”
कारक बाजार सुधारों में भूमि, श्रम, ऊर्जा और ऋण तक पहुंच आदि शामिल हैं, जो उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
श्रम सुधारों को 2020 में संसद से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका है।
पार्क ने कहा कि नियामकीय और कारोबारी सुगमता तथा शुल्क को आसान और कम करके भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मानव पूंजी में अधिक निवेश होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा जैसे सघन विनिर्माण वाले क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जो अब भी बहुत सीमित हैं और एशिया के अन्य अधिक गतिशील हिस्सों की तरह तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं।
पार्क ने कहा कि दोहरे अंक की वृद्धि हासिल करने के लिए भारत विभिन्न मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र और वैश्विक अग्रणी प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश की जरूरत होगी।
भाषा अजय पाण्डेय
अजय
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