भारत, सिंगापुर उभरते क्षेत्रों में बढ़ाएंगे सहयोग |

भारत, सिंगापुर उभरते क्षेत्रों में बढ़ाएंगे सहयोग

भारत, सिंगापुर उभरते क्षेत्रों में बढ़ाएंगे सहयोग

:   Modified Date:  May 28, 2024 / 10:03 PM IST, Published Date : May 28, 2024/10:03 pm IST

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) भारत और सिंगापुर अपने रणनीतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से कदम उठाएंगे। इसके तहत दोनों जल्द ही हरित अर्थव्यवस्था, डिजिटलीकरण, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए लगभग छह महत्वाकांक्षी समझौतों पर विचार कर रहे हैं।

राजनयिक सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसएमआर) की अगली बैठक में समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। यह बैठक सितंबर-अक्टूबर के आसपास दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र में आयोजित होने वाली है।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों का इरादा भारत में नई सरकार के गठन के पहले 100 दिन के भीतर महत्वाकांक्षी समझौतों पर आगे बढ़ने का है।’’

द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए गठित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज की पहली बैठक 17 सितंबर, 2022 को दिल्ली में हुई थी। इसमें द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए डिजिटल संपर्क, फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी), हरित अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन, कौशल विकास और खाद्य उत्पादकता को मजबूत करने के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया।

दोनों पक्ष सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भी सहयोग की संभावना तलाश रहे हैं।

आधिकारिक अनुमान के अनुसार सिंगापुर, भारत का एक प्रमुख व्यापार भागीदार रहा है। भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह में 2000 के बाद से संचयी रूप से सिंगापुर का लगभग 23 प्रतिशत योगदान रहा है।

सिंगापुर, भारत को विकास का एक महत्वपूर्ण इंजन मानता है और यह पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है।

एक अन्य सूत्र ने कहा कि अगले साल भारत और सिंगापुर राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे तथा यह संबंधों को और मजबूत करने के लिए नये उपायों को आगे बढ़ाने का अवसर हो सकता है।

सिंगापुर दस सदस्यीय आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों का संगठन) समूह का एक प्रमुख सदस्य है। भारत, सिंगापुर को प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक और सैन्य प्रभाव का विस्तार करने के चीन के प्रयास की पृष्ठभूमि में दक्षिणपूर्व एशियाई क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार के रूप में देखता है।

सूत्र ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष डिजिटलीकरण, स्वच्छ ऊर्जा और हरित अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा तथा कौशल विकास के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने पर सहमत हुए हैं।’’

भाषा रमण अजय

अजय

 

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