भारत 2027-28 तक एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था होगा: चंद्रशेखर |

भारत 2027-28 तक एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था होगा: चंद्रशेखर

भारत 2027-28 तक एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था होगा: चंद्रशेखर

:   Modified Date:  May 21, 2024 / 04:39 PM IST, Published Date : May 21, 2024/4:39 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था सालाना 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और इसके वर्ष 2027-28 तक एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

चंद्रशेखर ने एक कार्यक्रम में कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) के लिए समर्पित ‘इंडिया एआई’ मिशन का मूल्य भी 10,000 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 20,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार को पहले 2026-27 तक डिजिटल अर्थव्यवस्था के एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन कोविड-19 महामारी सहित कई वजहों से इस लक्ष्य को एक साल आगे बढ़ा दिया गया है।

चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से डिजिटल अर्थव्यवस्था 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वर्ष 2015 में निर्धारित यह दृष्टिकोण कारगर रहा है। हम पहले से ही दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था हैं। हमारा लक्ष्य है कि 2027-28 तक एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था को हासिल करना है।’’

वह सोमवार शाम केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के सरकारी आवास पर आयोजित ‘विशेष संपर्क अभियान’ में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में लगभग 300 आईटी, स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गजों ने शिरकत की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुरुआती पूंजी के तौर पर एक लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी हुई है। इसका निवेश नवाचार और ‘इंडिया एआई’ मिशन के लिए शोध एवं विकास में किया जाएगा जिसका कुल मूल्य 20,000 करोड़ रुपये होगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया एआई मिशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, लेकिन चंद्रशेखर ने कहा कि इसका कुल मूल्य लगभग 20,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इससे जुड़े कारकों का फिलहाल खुलासा नहीं किया जा सकता है।

चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि वृद्धि की रफ्तार जारी रहे। भारतीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र लगातार बढ़ रहा है और दुनिया में अग्रणी नवोन्मेषी पारिस्थितिकी प्रणालियों में से एक बन जाएगा।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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