आरबीआई लाभांश से घाटा कम होने पर भारत को मिलेगा रेटिंग समर्थन: एस एंड पी विश्लेषक |

आरबीआई लाभांश से घाटा कम होने पर भारत को मिलेगा रेटिंग समर्थन: एस एंड पी विश्लेषक

आरबीआई लाभांश से घाटा कम होने पर भारत को मिलेगा रेटिंग समर्थन: एस एंड पी विश्लेषक

:   Modified Date:  May 23, 2024 / 04:50 PM IST, Published Date : May 23, 2024/4:50 pm IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) भारत अगर राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिकॉर्ड लाभांश का उपयोग करता है, तो उसे आने वाले समय में ‘रेटिंग समर्थन’ मिल सकता है। एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग के एक विश्लेषक ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

आरबीआई के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने का फैसला किया है। यह अबतक का सर्वाधिक लाभांश है। यह बजट में जताये गये 1.02 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से दोगुने से भी अधिक है। अंतरिम बजट में सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये की लाभांश आय का अनुमान जताया था।

एसएंडपी ग्लोबल रेटंग्स के विश्लेषक यीफर्न फ़ुआ ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आरबीआई से अतिरिक्त लाभांश सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 0.35 प्रतिशत है। यह वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद करेगा या नहीं, यह वास्तव में अंतिम बजट पर निर्भर करेगा। यह जून के चुनाव परिणामों के बाद पारित किया जाएगा।’’

इस साल फरवरी में संसद में पेश अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।

उन्होंने ई-मेल के जरिये सवालों के जवाब में कहा कि आरबीआई के अधिक लाभांश से घाटे में कमी कुछ बातों पर निर्भर है। अंतिम बजट में विनिवेश जैसे क्षेत्रों से राजस्व प्राप्ति कम रहती या व्यय मद में अतिरिक्त आवंटन होता है तो आरबीआई के अतिरिक्त लाभांश से घाटे में बहुत ज्यादा कमी नहीं आएगी।

फ़ुआ ने कहा, ‘‘ हालांकि, अगर इससे घाटा कम हो जाता है, तो हमारा मानना ​​है कि भारत राजकोषीय मजबूती पर तेजी से बढ़ेगा। फलस्वरूप यह आने वाले समय में रेटिंग के स्तर पर समर्थन प्रदान करेगा’’

सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 प्रतिशत पर रहेगा। यह 2023-24 में 5.8 प्रतिशत था। राजकोषीय मजबूती की रूपरेखा के अनुसार सरकारी व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 2025-26 तक कम करके 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने पिछले साल मई में ने वृद्धि पर स्थिर परिदृश्य के साथ भारत की रेटिंग ‘बीबीबी-’ रखी थी। इसके साथ कमजोर वित्तीय प्रदर्शन और प्रति व्यक्ति कम जीडीपी को जोखिम के रूप में चिह्नित किया था।

‘बीबीबी-‘ निवेश को लेकर सबसे निचले स्तर की रेटिंग है।

तीनों वैश्विक रेटिंग एजेंसियों – फिच, एसएंडपी और मूडीज – ने स्थिर परिदृश्य के साथ भारत को सबसे कम निवेश स्तर की रेटिंग दी हुई है। निवेशक किसी देश में निवेश करते समय रेटिंग पर गौर करते हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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