कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा के चलते भारत का सोया खली निर्यात मार्च में 46 प्रतिशत गिरा |

कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा के चलते भारत का सोया खली निर्यात मार्च में 46 प्रतिशत गिरा

कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा के चलते भारत का सोया खली निर्यात मार्च में 46 प्रतिशत गिरा

:   Modified Date:  April 11, 2024 / 09:10 PM IST, Published Date : April 11, 2024/9:10 pm IST

इंदौर, 11 अप्रैल (भाषा) अंतरराष्ट्रीय बाजार में कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा के कारण भारतीय सोया खली का निर्यात मार्च में 46 प्रतिशत गिरकर 1.76 लाख टन रह गया है। पिछले साल मार्च में देश से 3.27 लाख टन सोया खली का निर्यात किया गया था।

प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि भारत की सोया खली अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना के इस उत्पाद से महंगी बनी हुई है, इसलिए इसके भारतीय निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि मार्च में ईरान 65,515 टन के आयात के साथ भारतीय सोया खली का सबसे बड़ा आयातक बनकर उभरा।

सोपा के आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा तेल विपणन वर्ष (अक्टूबर 2023-सितंबर 2024) की पहली छमाही में भारत से 13.47 लाख टन सोया खली का निर्यात किया गया। यह पिछले तेल विपणन वर्ष में देश से अक्टूबर से मार्च के बीच किए गए 11.79 लाख टन के सोया खली निर्यात से 14 प्रतिशत ज्यादा है।

प्रसंस्करण कारखानों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।

भाषा हर्ष संतोष अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)