ब्याज दरों में वृद्धि उम्मीद के अनुरूप, चालू वित्त वर्ष में और बढ़ोतरी संभव: विश्लेषक |

ब्याज दरों में वृद्धि उम्मीद के अनुरूप, चालू वित्त वर्ष में और बढ़ोतरी संभव: विश्लेषक

ब्याज दरों में वृद्धि उम्मीद के अनुरूप, चालू वित्त वर्ष में और बढ़ोतरी संभव: विश्लेषक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : September 30, 2022/5:36 pm IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) रिजर्व बैंक का ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी का निर्णय उम्मीद के अनुरूप है और चालू वित्त वर्ष में इसमें 0.50 से 0.60 प्रतिशत की एक वृद्धि की जा सकती है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की और वृद्धि करते कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति करीब छह प्रतिशत पर बनी रहेगी।

बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्री दीपनविता मजूमदार ने कहा, ‘‘सीजन की खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी और मांग बढ़ने से मुद्रास्फीति की चिंता बनी रहेगी। हमारा अनुमान है कि महंगाई दर 6.5 प्रतिशत के अधिकतम स्तर तक जायेगी। इसमें 0.50 से 0.60 प्रतिशत की एक वृद्धि की जा सकती है।’’

केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। कुल मिलाकर मई से अबतक आरबीआई रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।

कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए रुपये पर दबाव बने रहने की संभावना है और इसलिए ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि एमपीसी दिसंबर की बैठक में 0.35 प्रतिशत की एक और बढ़ोतरी कर सकता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध और कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के बीच चालू वित्त वर्ष के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में अबतक 7.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।

एचडीएफसी बैंक की प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा कि आरबीआई ने उम्मीद के मुताबिक नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जो वैश्विक स्तर पर आक्रामक दरों में वृद्धि के अनुरूप है।

एंड्रोमेडा लोन्स के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा कि इस तरह की स्थिति में उधार लेने की लागत बढ़ जाएगी। इसके कारण बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपनी उधार दरों में वृद्धि करनी पड़ेगी जिससे मासिक किस्त (ईएमआई) पहले की तुलना में बढ़ जायेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में बढ़ोतरी से आवास ऋण की दरें बढ़ेंगी। ऐसे समय में आवास ऋण लेने वाले लोगों को बहुत सतर्क रहते हुए सोचना-समझना चाहिए।’’

उपभोक्ता ऋण दरों पर अपने प्रतिक्रिया देते हुए बैंक बाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी ने कहा, ‘‘मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए परिवर्तनशील ब्याज दर (फ्लोटिंग) पर सभी घर, कार, व्यक्तिगत और शिक्षा संबंधी कर्ज अधिक महंगे हो जाएंगे।’’

बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि आरबीआई की टिप्पणी काफी संतुलित रही है और वैश्विक जोखिमों पर व्यापक रूप से चर्चा की गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक आने वाले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति के बारे में आश्वस्त दिखाई देता है।

टाटा कैपिटल के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं सीईओ राजीव सभरवाल ने कहा कि आरबीआई के कदम से मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव को कम करने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरते मूल्य को रोकने के लिए विदेशी पूंजी प्रवाह में सुधार करने में मदद मिलेगी।

निवश सलाहकार कंपनी मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक एवं सीईओ निश भट्ट ने कहा, ‘‘आरबीआई की ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि उम्मीदों के अनुरूप है। अस्थिर मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए विकाशील और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि के सिलसिले को रोकने से पहले आरबीआई द्वारा दरों में कुछ और बढ़ोतरी की जा सकती है।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का ब्योरा 14 अक्टूबर, 2022 को प्रकाशित किया जाएगा। एमपीसी की अगली बैठक इस साल पांच से सात दिसंबर के लिए निर्धारित है।

भाषा जतिन अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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