जयपुर, पांच मार्च (भाषा) राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने राजस्थान में एकीकृत और सतत ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 3.62 लाख करोड़ रुपये की प्राथमिकता क्षेत्र ऋण संभाव्यता का अनुमान लगाया है। यह संभावित ऋण पिछले वित्त वर्ष के अनुमान की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है।
राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा ने नाबार्ड के ‘स्टेट क्रेडिट सेमिनार’ में नाबार्ड द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य पर केंद्रित दस्तावेज (एसएफपी) का मंगलवार को विमोचन किया।
इस अवसर पर अरोड़ा ने कहा कि नाबार्ड और बैंकिंग क्षेत्र न केवल विकास के भागीदार हैं बल्कि विकास के पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कृषि और एमएसएमई क्षेत्रों को मजबूत बनाने के साथ-साथ युवाओं को सशक्त बनाने और उनके लिए ‘स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र’ को विकसित करके उनकी क्षमताओं का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने विकसित भारत 2024 मिशन की तर्ज पर विकसित राजस्थान 2047 की दिशा में काम करने के लिए सरकार और बैंकिंग क्षेत्र के समन्वय का आग्रह किया।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच ने कहा कि कुल अनुमानित ऋण संभाव्यता में से 1.89 लाख करोड़ (52 प्रतिशत) रुपये कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए हैं।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए 1.41 लाख करोड़ (39 प्रतिशत) रुपये और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे कि आवास, शिक्षा आदि के लिए 32,000 करोड़ (नौ प्रतिशत) रुपये के कर्ज का अनुमान लगाया गया है।
भाषा कुंज पृथ्वी राजकुमार अजय
अजय
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