मुंबई। बैंकिंग सेक्टर में सार्वजनिक क्षेत्र के सरकारी बैंकों ने बैड लोन को कम करने का काम किया है। एक साल में एनपीए में 80,000 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। बात करें प्राइवेट बैंकों के एनपीए की तो इन क्षेत्रों में लापरवाही सामने आई है। निजी क्षेत्रों के बैंकों में एनपीएम कम होने के बजाए 6000 करोड़ रुपये बढ़ गया है। हालांकि इससे आम खाता धारकों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
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आंकड़े के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के बैड लोन यानी NPA में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही में 9,92,964 करोड़ रुपए के मुकाबले सितंबर 2019 में यह आंकड़ा 9,18,487 करोड़ रुपए हो चुका है।
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भारत की सबसे बड़ी बैंक भारतीय स्टेट बैंक की ओर नजर डाले तो बैंक ने अपने एनपीए में 44,000 की कमी बताई है। बता दें कि इससे पहले बैंक पर 2,05,846 करोड़ रुपए का बैड लोन था। लेकिन अब यह घटकर 1,16,636 हो गया है।
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10 hours ago