नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों के शीर्ष निकाय नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने बुधवार को कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र तेजी की दहलीज पर खड़ा है और यह 2050 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 15 प्रतिशत का योगदान देगा।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रियल एस्टेट डेवलपमेंट (एनआईआरईडी) के तीन दिन (15 मई से 17 मई) के दूसरे प्रबंधन विकास कार्यक्रम में उन्होंने क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रशिक्षित पेशेवरों की जरूरत भी बतायी।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नारेडको और दिल्ली रेरा (रियल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण) के संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में जी हरि बाबू ने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र का मौजूदा बाजार मूल्यांकन 250 अरब डॉलर का है और यह क्षेत्र 16-17 प्रतिशत की अपेक्षित वृद्धि दर के साथ 2050 तक देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य बातों के अलावा इस क्षेत्र को इसके आकार, समय और इसमें शामिल मूल्य को देखते हुए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित पेशेवरों की आवश्यकता है। यह प्रबंधन विकास कार्यक्रम इसी दिशा में एक कदम है जो रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रतिभाओं को निखारने और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बताता है।’’
बाबू ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य संगठनों, उनके कर्मचारियों और पेशेवरों को वर्तमान प्रतिस्पर्धी परिवेश में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए जरूरी ज्ञान और कौशल प्रदान करके सतत विकास को बढ़ावा देना है…।’’
दिल्ली रेरा के चेयरमैन आनंद कुमार ने कहा, ‘‘रियल एस्टेट एक गतिशील क्षेत्र है और बदलाव की गति पिछले कुछ साल में तेज हुई है। इस क्षेत्र में पारदर्शिता लाने में रेरा को इसमें एक बड़ी भूमिका निभानी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों को रेरा के प्रावधानों और दिशानिर्देशों की जानकारी नहीं है। यह कार्यशाला जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।’’
इस कार्यशाला का मकसद रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पक्षों को जरूरी और व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करना है।
भाषा रमण अजय
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