मुंबई, 22 फरवरी (भाषा) देश में धार्मिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों के जोर पकड़ने से अगले चार-पांच वर्षों में करीब दो लाख रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है। एनएलबी सर्विसेज ने यह संभावना जताई है।
वैश्विक प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल प्रतिभा समाधान प्रदाता एनएलबी सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सचिन अलुग ने यह अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक पर्यटन के वर्ष 2023 से 2030 के बीच सालाना 16 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
अलुग ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि घरेलू पर्यटन में धार्मिक पर्यटन की हिस्सेदारी इस समय 60 प्रतिशत है लेकिन आने वाले समय में यह अनुपात बढ़ने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद धार्मिक पर्यटन को और भी बढ़ावा मिल सकता है।
अलुग ने कहा, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से आतिथ्य एवं यात्रा सेवाओं से जुड़ी करीब 25,000 नौकरियां बढ़ने की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगले चार-पांच वर्षों में धार्मिक पर्यटन से दो लाख रोजगार अवसर पैदा होने का अनुमान है। वर्ष 2028 तक 60 अरब डॉलर के अनुमानित राजस्व के साथ धार्मिक पर्यटन अस्थायी और स्थायी दोनों तरह के कामगारों के लिए रोजगार के रास्ते खोलेगा।’’
उन्होंने उद्योग रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि कोविड महामारी के बाद तीर्थयात्रा के लिए होने वाली रात्रिकालीन यात्राएं बढ़ गईं और वर्ष 2021-2022 में दान राशि में भी 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘हम देशभर में खासकर धार्मिक पर्यटकों की सेवा के लिए नए उद्यमों में छह से आठ प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद करते हैं।’’
अलुग ने कहा कि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा जैसे राज्यों के कई छोटे शहरों और गैर-मेट्रो शहरों में पर्यटकों की बड़ी आमद देखी जा रही है।
पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में धार्मिक स्थलों पर आए पर्यटकों से 1.34 लाख करोड़ रुपये की आय हुई थी।
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
अजय
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