‘जंक फूड’ नियमन के लिए उत्पादों में प्रमुखता से पोषण संबंधी जानकारी देने की योजना |

‘जंक फूड’ नियमन के लिए उत्पादों में प्रमुखता से पोषण संबंधी जानकारी देने की योजना

‘जंक फूड’ नियमन के लिए उत्पादों में प्रमुखता से पोषण संबंधी जानकारी देने की योजना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : September 20, 2021/10:46 pm IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) देश में ‘जंक फूड’ की बढ़ती खपत से युवाओं और बच्चों में मोटापा बढ़ने से चिंतित भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ऐसे उत्पादों की पैकिंग में दी जाने वाली सूचनाओं के स्थान में बदलाव की योजना बनाई है।

एफएसएसएआई के सीईओ अरुण सिंघल ने सोमवार को कहा कि उपभोक्ताओं को स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने में मदद करने के लिए पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर फ्रंट-ऑफ-पैकेज (एफओपी) लेबलिंग शुरू करने की योजना है। यानी उत्पाद की पोषण संबंधी जानकारी को उत्पाद पैकिंग में प्रमुखता के साथ एकदम सामने प्रकाशित करने की योजना है।

उन्होंने यहां एफएसएसएआई के गठन की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा कि आईआईएम अहमदाबाद को उपभोक्ताओं के हित में एफओपी लेबल की प्रकृति पर एक सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है।

पैकेज के पीछे के बजाय, ग्राहकों को सरलता से दिखाई देने वाले स्थान पर खाद्य पदार्थ के बारे में जानकारी प्रकाशित होगी। ऐसी जानकारी उत्पाद पैकिंग में पीछे की तरफ अथवा किनारे के बजाय अब अधिक स्पष्ट और सामने की तरफ होगी।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा भारत में इस तरह के लेबल को पेश करने में सक्षम होने की बात कहते हुए सीईओ ने कहा कि यह आवश्यक हो गया है क्योंकि कुपोषण के साथ-साथ मोटापा भी देश में विशेष रूप से युवाओं और बच्चों में एक बड़ी समस्या हो रही है।

सिंघल ने कहा, ‘पैकेज्ड फूड की मांग में वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य पर पैकेज्ड फूड के प्रभाव के बारे में सरल तरीके से जानकारी देने की जरूरत है ताकि उपभोक्ता अपने खाद्य वस्तुओं का चुनाव कर सकें।’

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एफओपी लेबल का इस्तेमाल करने वाले कई देशों में जंक फूड की खपत में कमी देखी गई।

सीईओ ने कहा कि अंशधारकों के साथ कई बार राय मशविरा किए गए हैं। उद्योग और उपभोक्ताओं के साथ विस्तृत परामर्श के बाद अधिकांश मुद्दों पर आम सहमति बनी है, जिनकी शुरुआत में इस मुद्दे पर अलग-अलग राय थी।

उन्होंने कहा, ‘तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया गया है, लेकिन केवल एक मुद्दा बचा है, वह है, एफओपी लेबल की प्रकृति। इसके लिए, आईआईएम अहमदाबाद को एक सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है।’’

आईआईएम (ए) ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष के बाद एफएसएसएआई नियमों का मसौदा तैयार करेगा।

भाषा राजेश

राजेश महाबीर

महाबीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers