नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को अधिक और प्रभावी मतदान के अधिकार से जुड़े शेयरों (एस आर शेयर) के मामले में पात्रता जरूरतों में ढील देने का निर्णय किया। इस कदम से नवीन प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों को मदद मिलेगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि जिन प्रवर्तकों का नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, वे कंपनियों में अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर रख सकते हैं। फिलहाल यह सीमा 500 करोड़ रुपये थी।
इसके अलावा, अधिक मतदान अधिकार वाले शेयर जारी करने और विवरण पुस्तिका (रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस) जमा करने के बीच न्यूनतम अंतर को कम कर तीन महीने कर दिया गया है। फिलहाल यह छह महीने है।
बाजार प्रतिभागियों का मानना है कि एस आर शेयरों पर मौजूदा ढांचे के कुछ पहलू कठिन हैं। इससे संबंधित जारीकर्ता कंपनियों के लिये पूंजी बाजार से कोष जुटाने में देरी होती है।
सेबी ने 2019 में विशेष रूप से प्रौद्योगिकी के उपयोग से जुड़ी कंपनियों के लिए बेहतर मतदान अधिकार नियम पेश किये थे। इसके तहत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने को इच्छुक कंपनी में कार्यकारी पद धारण करने वाले प्रवर्तकों/ संस्थापकों को अधिक और प्रभावी मतदान अधिकार वाले शेयर जारी करने की अनुमति दी गयी।
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सेबी ने अधिक प्रभावी मतदान के अधिकार से जुड़े शेयरों के मामले में पात्रता जरूरतों में ढील देने का निर्णय किया।
रमण महाबीर
महाबीर
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