नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (एमएनआरई) सचिव भूपिन्दर सिंह भल्ला ने कहा है कि सरकार का 2030 तक देश की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में स्वच्छ ईंधन की हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के बयान के अनुसार, भल्ला ने बुधवार को नीदरलैंड के रॉटरडैम में विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन-2024 में अपने संबोधन कहा कि भारत की स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता में स्वच्छ ईंधन आधारित क्षमता की हिस्सेदारी वर्तमान में लगभग 42 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की वर्तमान में स्थापित बिजली क्षमता का लगभग 43 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से है। इसे 2030 तक 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है।’’
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में गैर-जीवाश्म ईंधन यानी हरित ईंधन आधारित क्षमता (नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत) 10.79 प्रतिशत बढ़कर 190.57 गीगावाट रही। जबकि 2022-23 में यह 172.01 गीगावाट थी।
भल्ला ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की दिशा में हो रही प्रगति के बारे में कहा, ‘‘सरकार ने इस संबंध में पर्याप्त प्रगति की है। सालाना कुल 4,12,000 टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन को समर्थन देने के लिए निविदाएं प्रदान की गयी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, सालाना 1,500 मेगावाट की इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता की स्थापना के लिए निविदाएं दी गई हैं। इससे बड़े पैमाने पर हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने की भारत की क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा।’’
भाषा रमण अजय
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