सामाजिक उद्यमों को अपनी गतिविधियों के प्रभाव के बारे में अक्टूबर अंत तक देनी होगी रिपोर्ट |

सामाजिक उद्यमों को अपनी गतिविधियों के प्रभाव के बारे में अक्टूबर अंत तक देनी होगी रिपोर्ट

सामाजिक उद्यमों को अपनी गतिविधियों के प्रभाव के बारे में अक्टूबर अंत तक देनी होगी रिपोर्ट

:   Modified Date:  May 27, 2024 / 06:40 PM IST, Published Date : May 27, 2024/6:40 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को सामाजिक उद्यमों को उनके कार्यों से जुड़े प्रभाव को लेकर 2023-24 की सालाना रिपोर्ट अक्टूबर के अंत तक जमा करने को कहा है। ये सामाजिक उद्यम सामाजिक शेयर बाजार (एसएसई) में पंजीकृत हैं या उसके जरिये कोष जुटाते हैं।

सालाना रिपोर्ट सामाजिक उद्यम के कार्यों से उत्पन्न सामाजिक प्रभाव के गुणात्मक और मात्रात्मक पहलुओं को बताती है। यदि कोई गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) किसी प्रतिभूति को सूचीबद्ध किए बिना पंजीकृत है, तो ऐसी रिपोर्ट में एनपीओ की महत्वपूर्ण गतिविधियों, हस्तक्षेप और कार्यक्रमों सहित अन्य को शामिल करना आवश्यक है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘जिन सामाजिक उद्यमों ने सामाजिक शेयर बाजार के माध्यम से पंजीकरण किया है या धन जुटाया है, उन्हें वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 31 अक्टूबर, 2024 तक एसएसई को वार्षिक प्रभाव रिपोर्ट जमा करनी होगी।’’

नियामक ने सितंबर, 2023 में एसएसई का उपयोग करके धन जुटाने वाले सामाजिक उद्यमों को वित्त वर्ष के अंत से 90 दिन के भीतर सालाना प्रभाव रिपोर्ट देने के लिए कहा था।

सेबी ने सामाजिक उद्यमों की सामाजिक गतिविधियों के जरिये उत्पन्न प्रभाव का आकलन करने के उद्देश्य से अतिरिक्त एजेंसियों के नाम दिये हैं। ये संस्थान हैं, इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के तहत आने वाले आईसीएमएआई सोशल ऑडिटर्स ऑर्गेनाइजेशन और इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया के तहत आने वाले आईसीएसआई इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल ऑडिटर्स। ये संस्थान एसएसई के संदर्भ में सामाजिक प्रभाव आकलन को लेकर स्व-नियामक संगठन के रूप में काम करेंगे।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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